
सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में जान फूंकने के लिए मोदी कैबनेट ने 1.64 लाख करोड़ रुपए के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दी गई है।
अश्विनी वैष्णडव ने बताया कि सरकार 4जी सेवाओं के विस्तार में मदद के लिये बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी। सार्वजनिक क्षेत्र की इस दूरसंचार कंपनी को 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा। साथ ही कंपनी 33,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज के भुगतान के लिये बॉन्ड जारी करेगी। कंपनी नेटवर्क के अपग्रेडेशन के लिए कैपेक्स को मंजूरी दे दी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा इस पैकेज से टेलीकॉम कंपनी को 4जी में अपग्रेड करने में मदद मिलेगी। वहीं, बीएसएनएल और बीबीएनएल के विलय से भी संयुक्त कंपनी मजबूत होगी। इस विलय से अब देशभर में बिछे बीबीएनएल के 5.67 लाख किलोमीटर के ऑप्टिकल फाइबर का पूरा कंट्रोल बीएसएनएल हाथों में आ जाएगा। बीएसएनएल के पास 6.80 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। वहीं, बीबीएनएल ने देश के 1.85 लाख ग्राम पंचायतों में 5.67 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछा रखा है।
मंत्री वैष्णव ने कहा, फंड जुटाने के लिए सरकार अगले तीन साल में बीएसएनएल के लिए 23,000 करोड़ रुपए का बॉन्ड जारी करेगी। वहीं सरकार एमटीएनएल के लिए 2 साल में 17,500 करोड़ रुपए का बॉन्ड जारी करेगी।
भारत में आज 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी हो रही है। इस ऑक्शन में रिलायंस जियो, एयरटेल और दूसरी निजी कंपनियां भाग ले रही है, लेकिन सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड या बीएसएनएल भाग नहीं ले रही हैं। क्योंकि बीएसएनएल ने अभी तक 4जी सेवा भी जारी नहीं की है। फिलहाल कंपनी 4 जी सर्विस लॉन्च पर ही ध्यान दे रही है। इसको लेकर यूजर्स सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल भी कर रहे हैं।