राजस्थान की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कन्हैयालाल हत्याकांड के ये दोनों आरोपी अब सरदार भगत सिंह की बॉयोग्राफी पढ़ रहे हैं। अपने बीवी-बच्चों से मिलने के लिए वे अभी भी रोजाना फूट-फूटकर रोते हैं, लेकिन आजतक परिवार का एक भी शख्स जेल में इनसे मिलने नहीं आया है।
दोनों आरोपियों की जिहादी मानसिकता में बदलाव लाने के लिए रोज तीन-तीन बार महापुरुषों की किताबें बांटी जाती हैं। रियाज मोहम्मद अनपढ़ है, लेकिन एक पढ़ा-लिखा कैदी रोज दिन में तीन बार रियाज को महापुरुषों की जीवनी पढ़कर सुनाता है। रियाज और गौस के अलावा कन्हैयालाल हत्याकांड के बाकी 7 आरोपी भी इसी जेल में कैद हैं। वे भी महापुरुषों की किताबें पढ़ने के लिए मांगते हैं। अपने जुर्म का पश्चाताप करते हैं और रिहाई की दुआ मांगते हैं।
जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि उदयपुर हत्याकांड में गिरफ्तार 9 आरोपियों को सुरक्षा कारणों के चलते हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया है। इन सभी कैदियों को व्यस्त रखने के लिए महापुरुषों व गणमान्य नेताओं की किताबें पढ़ने के लिए दी जा रही हैं, जिससे कि वह अपने खाली समय का भरपूर उपयोग करें और अपनी मानसिकता में एक सकारात्मक बदलाव करें। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।
मुख्य आरोपी रियाज व गौस मोहम्मद जेल की काली कोठियों में परिवार से मिलने के लिए तड़प रहे हैं। अब तक उनके परिवार से कोई उनके पास मिलने के लिए नहीं पहुंचा है। हर हफ्ते बुधवार और रविवार को ही आरोपियों के परिवारवालों से मिलने दिया जाता है।
सभी आरोपी जेल में फूट-फूटकर रोते हैं। 9 आरोपियों में से 7 आरोपियों को पश्चाताप है। सातों आरोपी हत्याकांड के मास्टरमाइंड को दिनभर कोसते हैं। गौस मोहम्मद और रियाज की बॉडी लैंग्वेज अभी वैसी ही है। अभी तक दोनों में अपराध का पश्चाताप नजर नहीं आता है। हालांकि, वे महापुरुषों की किताबें लगातार पढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी कन्हैया हत्याकांड के आरोपियों से जेल में पूछताछ करने लगातार आ रहे हैं।
कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी एक जगह पर बैठकर बिना रोशनी के किताब को पढ़ते हैं। किताब को पढ़ने के बाद अधीक्षक, जेल सुपरिंटेंडेंट व अन्य स्टाफ किताब के बारे में पूछते भी हैं कि उन्होंने इसमें क्या पढ़ा और क्या उन्होंने इससे सीखा। (साभार—भास्कर)
