जयपुर नगर निगम ग्रेटर में मेयर पद के लिए भाजपा की ओर से रश्मि सैनी और कांग्रेस की हेमा सिंघानिया ने आज नामांकन के अंतिम दिन पर्चा दाखिल किया। इसके बाद भाजपा में विवाद हो गया। कार्यवाहक मेयर शील धाबाई को प्रत्याशी नहीं बनाने पर उनकी बेटी ने हंगामा किया। उसने यहां तक कह दिया कि भाजपा क्या थर्ड क्लास पार्टी है। पार्टी कार्यालय के बाहर बाउंसर्स के साथ नारेबाजी की। इधर, शील धाबाई मेयर का प्रत्याशी नहीं बनाने पर भावुक हो गईं।
भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने मेयर प्रत्याशी के लिए कल देर रात तक मंथन किया। सूत्रों के अनुसार भाजपा में एन वक्त पर नाम बदल दिया। पहले सुखप्रीत बंसल का नाम फाइनल था। वहीं, कांग्रेस ने बिना किसी झंझट के हेमा सिंघानिया का नाम तय कर दिया।
भाजपा से रश्मि सैनी को उम्मीदवार बनाने के बाद शील धाबाई की बेटी कुछ समर्थकों को साथ लेकर अचानक भाजपा कार्यालय के बाहर पहुंची और विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यालय में समर्थकों से भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगवाए। इस दौरान प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी और संयोजक पंकज जोशी से धाबाई की बेटी को कहासुनी हो गई। भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने बताया कि पार्षदों, विधायकों और प्रदेश पदाधिकारियों की राय के बाद ही मेयर पद का प्रत्याशी तय किया गया है। किसी का कोई विरोध नहीं है।
शील धाबाई, रश्मि सैनी, और सुखप्रीत बंसल का नाम भाजपा में सबसे आगे था। शील धाबाई के नाम पर देर रात सहमति बन गई थी, लेकिन शुक्रवार सुबह पार्टी ने इसमें बदलाव कर दिया। रश्मि सैनी वर्तमान में लाइट समिति की चेयरमैन हैं। उनके पति की दखलअंदाजी के चलते पार्षद उनसे नाराज हैं। वे पिछले दिनों सैनी के पति के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
इधर, कांग्रेस की गुरुवार देर शाम तक दो अलग-अलग बैठकें हुईं थीं। इसमें सभी ने सर्वसम्मति से हेमा सिंघानिया के नाम पर चर्चा कर सहमति दी।
साल 2020 में हुए ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्डों के चुनावों में 88 वार्ड में भाजपा, 49 में कांग्रेस और 13 निर्दलीय जीते थे। आयुक्त से विवाद मामले में 4 पार्षद (तीन बीजेपी, एक निर्दलीय) निलंबित हो चुके हैं। इसलिए अब भाजपा के 85, कांग्रेस के 49 और निर्दलीय 12 पार्षद हैं।
