राजस्थान के सीमावर्ती जिला जोधपुर भारत व फ्रांस के संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़-7 की मेजबानी कर रहा है। बीते एक सप्ताह से जारी इस युद्धाभ्यास के दौरान आज दोनों देशों के वायुसेना प्रमुखों ने लड़ाकू विमान उड़ाकर अपनी-अपनी वायुशक्ति का प्रदर्शन किया।
आज पाक सीमा से सटे जोधपुर और बाड़मेर में जब एक साथ 13 लड़ाकू विमान आसमान से गुजरे तो हर कोई दंग रह गया। 1 घंटे तक ये लड़ाकू विमान हवा में प्रैक्टिस करते रहे। इनमें सबसे ताकतवर और एडवांस फाइटर प्लेन राफेल के साथ ही सुखोई और तेजस विमान भी शामिल थे।
मंगलवार सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर जोधपुर एयरबेस से 5 राफेल, 5 सुखाई और 3 तेजस फाइटर जेट ने उड़ान भरी। इस दौरान करीब 1 घंटे तक आसमान में रीफ्यूलिंग की प्रैक्टिस की गई। युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने राफेल और फ्रांसीसी एयरफोर्स ‘फ्रेंच आर्मी डे एयर’ के चीफ जनरल स्टीफन ने सुखोई में उड़ान भरी।
इससे पहले सोमवार को दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में दोनों देशों के वायुसेना प्रमुखों की मुलाकात हुई। दोनों ने युद्धाभ्यास, आपस में सहयोग के बारे में विस्तार से चर्चा की।
यह दूसरा मौका है, जब जोधपुर एयरबेस पर गरूड़ युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के चीफ एक दूसरे के फाइटर उड़ा रहे हैं। इससे पहले साल 2014 में गरूड़ के 5वें संस्करण के दौरान भारतीय वायुसेना के तत्कालीन चीफ अरूप राहा और फ्रांसीसी चीफ डेनिस मेर्सियर ने उड़ान भरी थी। प्रदर्शन के दौरान मंगलवार दोपहर दोनों चीफ की एक साथ उड़ान भरी। दोनों ही चीफ ने को-पायलट के रूप में उड़ान भरी।
थार के रेगिस्तान का सिंह द्वार कहलाने वाले जोधपुर का मौसम अमूमन एकदम साफ रहता है। यहां का तापमान भी दोनों देशों के पायलट्स और अन्य स्टाफ के लिए मुफीद है। जोधपुर से सीमा क्षेत्र तक बगैर किसी रूकावट के लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं। 8 साल पहले जोधपुर में राफेल उड़ाने वाले पायलट्स को यहां का मौसम बहुत रास आया था। जोधपुर के आसमान में 2 वर्ष पहले से भारत और फ्रांस के फाइटर्स जेट राफेल के बीच रोमांचक मुकाबला हो चुका है। डेजर्ट नाइट नाम का यह युद्धाभ्यास जोधपुर एयरबेस पर हुआ था। थार के रेगिस्तान में युद्धाभ्यास होने के कारण इसका नाम डेजर्ट नाइट रखा गया। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच नियमित रूप से होने वाले युद्धाभ्यास गरुड़ से अलग था। साल 2014 में भी भारत-फ्रांस वायुसेना के संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ में राफेल जोधपुर में अपनी ताकत दर्शा चुका है। उस समय राफेल और सुखोई के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था। इसके बाद राफेल सौदा तेजी से आगे बढ़ा। इस सौदे की नींव सही मायने में जोधपुर के युद्धाभ्यास के दौरान राफेल की क्षमता को जांचने और परखने के बाद ही रखी गई थी।
