मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और केंद्र सरकार पर पंडित नेहरू की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। गहलोत ने सावरकर के आजादी में योगदान पर सवाल भी उठाए। गहलोत ने कहा- भाजपा वाले सावरकर का नाम ले रहे हैं। सावरकर ने तो जेल होते ही एक साल के अंदर अंग्रेजों से नौ बार माफी मांगी थी। जब विश्व युद्ध हुआ तो उन्होंने अंग्रेजों के लिए भर्ती करवाई। ये क्या मुकाबला करेंगे पंडित नेहरू का। देश के लिए नेहरू 9 साल तक जेल में रहे। दुभार्ग्य है कि पूरे देश के अंदर धर्म के नाम पर एक ढांचा बन गया। धर्म के नाम पर राजनीति करना सबसे आसान होता है।
गहलोत आज रामनिवास बाग में पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर सांकेतिक भारत जोड़ो यात्रा के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, भाजपा-आरएसएस वाले धर्म के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। ये फासिस्ट ताकतें लोगों को गुमराह कर रही हैं। सोची समझी साजिश के तहत देशवासियों को गुमराह किया जा रहा है। पंडित नेहरू के सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस के साथ बहुत अच्छे संबंध थे, लेकिन भाजपा वालों ने नेहरू की छवि खराब करने के लिए अफवाहें फैलाईं। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समारोह से नेहरू का नाम ही गायब कर दिया। नेहरू के योगदान और उनके नाम को मिटाने का षडयंत्र किया जा रहा है।
गहलोत ने कहा- भाजपा से पहले जनसंघ हुआ करता था। राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत जनसंघ के नेता थे। विधानसभा में जनसंघ के आठ सदस्य जीतकर आते थे। उस वक्त जनसंघ में कोई दम नहीं था। पंडित नेहरू ने जब भाखड़ा बांध बनवाया तो जनसंघ वालों ने बड़ी अफवाहें फैलाई। जनसंघ वालों ने उस वक्त कहा कि पंडित नेहरू का दिमाग खराब हो गया। यह बांध पानी में से बिजली निकाल लेगा, पानी में से बिजली बनाकर उसकी ताकत निकाल लेगा और उसके बाद उसे सिंचाई के लिए देगा। ताकत निकाले हुए पानी से सिंचाई होगी तो वह अनाज किस काम का? ताकत निकला हुआ पानी खेतों में जाएगा, वह किस काम का। इस तरह के लोग हैं ये ।
