सुप्रीम कोर्ट ने आज सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग पर विचार करने से मना कर दिया। बिलकिस बानो के वकील शोभा गुप्ता बार-बार दूसरी बेंच गठित करने की मांग कर रही थीं, जिसपर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आपत्ति जताई।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, बार-बार एक ही बात का जिक्र न करिए, इससे चिड़चिड़ाहट हो रही है। कल मंगलवार को जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बिलकिस बानो केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था, जिसके बाद इस मामले की सुनवाई भी टल गई है।
न्यायमूर्ति रस्तोगी की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि इस मामले की सुनवाई के लिए उस पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाए, जिसमें हम में से कोई सदस्य न हो। इस कारण अब इस मामले की सुनवाई के लिए सीजेआई को नई बेंच गठित करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को इसी साल 15 अगस्त के दिन रिहा किया गया था। इसके बाद बिलकिस बानो ने 30 नबंवर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके सामूहिक रेप और हत्या के दोषियों की रिहाई के फैसले को चुनौती दी थी। दोषियों की रिहाई के खिलाफ अपनी याचिका में बानो ने कहा कि राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रस्तावित कानून की आवश्यकता को पूरी तरह से अनदेखा करते हुए रिहाई का आदेश जारी किया है।
