शाहजहांपुर में शिष्या से बलात्कार के 11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जाने का बावजूद पेश न होने पर उन्हें फरार घोषित कर दिया है।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि चिन्मयानंद के घर के बाहर और सार्वजनिक स्थान पर नोटिस चस्पा कर कार्रवाई की जाए। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद चिन्मयानंद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, जिस पर वकील ने बीमार होने की दलील दी। अभियोजन पक्ष ने इस पर एतराज जताया, जिसके बाद कोर्ट ने चिन्मयानंद के वकील की दलील खारिज कर दी।
चिन्मयानंद पर 11 साल पहले उनकी शिष्या ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। उस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय (सांसद-विधायक) कोर्ट की तरफ से चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर 30 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन चिन्मयानंद हाजिर नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें फरार मानते हुए धारा-82 के तहत कार्रवाई करने और आदेश की कॉपी को चिन्मयानंद के घर के बाहर और सार्वजनिक स्थान पर चस्पा करने का आदेश दिया है।
शहर की चौक कोतवाली में चिन्मयानंद पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे को वापस लेने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 मार्च, 2018 में प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में अर्जी लगाकर आपत्ति दर्ज कराई, जिसके बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया था। चिन्मयानंद के हाजिर न होने के कारण अदालत ने उनके खिलाफ पहले जमानती, फिर गैर जमानती वारंट जारी किया था। चिन्मयानंद सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। पुलिस अब तक चिन्मयानंद को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
