चीन में कोरोना के बढ़ते मामले फिर डराने लगे हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। देश में कोविड-19 की स्थिति पर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की।
बैठक के बाद मंडाविया ने बताया कि कोरोना का खतरनाक चीनी वैरिएंट बीएफ-7 सितंबर महीने में ही भारत आ गया था। वडोदरा में एक एनआरआई महिला में इसके लक्षण मिले थे। वह अमेरिका से वडोदरा आई थी। उसके कॉन्टैक्ट में आए 2 अन्य लोगों की भी जांच हुई थी। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। बाद में महिला ठीक हो गई थी। इसके अलावा बीएफ-7 के दो अन्य केस अहमदाबाद और ओडिशा में भी मिले थे।
इधर, स्वास्थ मंत्रालय की बैठक में मंडाविया ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, पर भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। हमने सभी संबंधित लोगों को अलर्ट रहने और निगरानी बढ़ाने को कहा है। सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट्स पर विदेशी यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग भी शुरू कर दी गई है।
बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने लोगों को भीड़ में मास्क लगाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा- मास्क गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है। अभी केवल 27 फीसदी आबादी ने ही बूस्टर डोज ली है। यह खुराक लेना सभी के लिए अनिवार्य है।
केंद्र की सलाह के बाद राज्य सरकारों ने कोविड को लेकर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। महाराष्ट्र ने एक टास्क फोर्स बनाने का ऐलान किया है, तो कर्नाटक में यात्रियों की स्क्रीनिंग होगी। इसके अलावा दिल्ली, यूपी और बंगाल में भी सतर्कता बरती जाने लगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया है कि कोरोना के सभी पॉजिटिव केस के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें, ताकि कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके।
हालांकि दुनियाभर में जहां कोरोना केस बढ़े हैं, वहीं भारत में एक्टिव केस की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 20 दिसंबर को सुबह 8 बजे तक की स्थिति में देश में कुल 3 हजार 490 एक्टिव केस थे, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम हैं।
