राजस्थान से चोरी हो रहे मोबाइल फोन बांग्लादेश में बेंचे जा रहे हैं। ताकि इन्हें ट्रैक न किया जा सके। नियमानुसार जब तक दूसरे देश की सरकार अनुमति नहीं दे देती, आईएमईआई से वहां मोबाइल ट्रैक नहीं कर सकते। इस तकनीकी खामी का फायदा उठाकर ही चोरी के मोबाइल बांग्लादेश में बेचे जा रहे हैं।
राजस्थान की अजमेर पुलिस ने इस बात का खुलासा किया है। पुलिस ने ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो मोबाइल चोरी करने झारखंड से यहां आता है और भीड़भाड़ का फायदा उठाकर मोबाइल चोरी की वारदातों को अंजाम देता है। यहां से सभी मोबाइल को ले जाकर बांग्लादेश सीमा के निकट पश्चिम बंगाल के इलाकों में बेंच दिया जाता है।
एक प्रदर्शन में अजमेर के डिप्टी मेयर का मोबाइल चोरी हो गया। यह घटना बाकायदा एक कैमरे में रिकार्ड हो गई। पुलिस सक्रिय हुई तो पूरी स्थिति सामने आई। जैन समाज की महारैली में भीड़-भाड़ के दौरान नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन का मोबाइल चोरी हो गया था। सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने 5 युवकों को गिरफ्तार कर करीब 20 लाख रुपए कीमत के 69 मोबाइल फोन बरामद किए। इनमें 1-1 लाख रुपए कीमत के 9 आईफोन भी शामिल हैं। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एसपी चूनाराम जाट के निर्देश पर पुलिस टीम ने डिप्टी मेयर का मोबाइल चुराने वाले नाबालिग को भी डिटेन कर मोबाइल बरामद किया फिर झारखंड धनबाद स्थित शिजवा जुक्ता निवासी संजय कुमार नौनिया पुत्र सुखदेन कुर्मी, नया टोला निवासी रामदर्शन कुर्मी पुत्र जंगली महतो, साहेबगंज महाराजपुर निवासी गोपाल कुमार मेहतो पुत्र राजकुमार, जगदीश मेहतो पुत्र रामप्रसाद और मीना बाजार महाराजपुर निवासी पवन कुमार यादव पुत्र शिव कुमार को गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में ही सामने आया कि इस गैंग के अलावा मोबाइल चोरों की दूसरी गैंग भी चोरी के मोबाइल बांग्लादेश में बेचती हैं। गिरफ्तार शातिरों से पूछताछ में पता चला कि बांग्लादेश सीमा के निकट ऐसे कई एजेंट सक्रिय हैं, जो बल्क में थोक के मोबाइल की खरीद फरोख्त करते हैं।
