भीलवाड़ा के डांग हनुमान मंदिर के महंत की गिरफ्तारी के बाद लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है। अब सामने आया है कि, कोरोना के दौरान लॉकडाउन से आश्रम में यौन शोषण का खेल चल रहा था। नाबालिग से एक बार नहीं, बल्कि कई बार यौन शोषण किया गया था। ये बात नाबालिग ने अपनी सहेलियों और महाराष्ट्र आश्रम के एक लड़के को भी बताई थी। बात जगजाहिर होने के बाद महंत इतना डर गया था कि अपने नाम से हवन और पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी।
भीलवाड़ा शहर से 30 किमी दूर घोड़ास गांव में करीब 100 बीघा एरिया में एक डांग हनुमान मंदिर भी बना हुआ है। इस आश्रम के महंत सरजूदास महाराज को यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आश्रम में महंत की एक कुटिया थी, जिसे वह सबसे पवित्र बताता था। वह लोगों के सामने नियम से धर्म का अनुसरण करने की बात कहता था। हर दिन योग करता था। उस समय कुटिया में किसी को नहीं आने देता था। उसी कुटिया में कई बार नाबालिग से यौन शोषण किया गया।
महंत के खिलाफ पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि आश्रम में निर्माण कार्य चलता रहता था। कोरोना से पहले साफ-सफाई और अन्य काम के लिए वह भी अपनी मां के साथ गई थी। तब ही महंत से परिचय हुआ था। लॉकडाउन के दौरान मौका देखकर महंत ने कुटिया में यौन शोषण किया। उसके बाद ये सिलसिला जारी रहा। किसी को बताने पर खुद को ही मारने की धमकी देता था। एक बार उसे अपने दल के साथ महाराष्ट्र के जलगांव स्थित आश्रम में भी लेकर गया था। वहां नाबालिग की एक आश्रम में रह रहे एक युवक से जान-पहचान हुई थी। उसे महंत की सारी करतूत के बारे में पीड़िता ने बताया था। इसके अलावा अपनी सहेलियों को भी बताया, लेकिन डर के कारण कभी घर या पुलिस में शिकायत नहीं की।
पीड़िता की मां आश्रम में ही काम कर अपना गुजार-बसर करती थी। जब बेटी के साथ हुए घिनौने काम के बारे में पता चला तो उसके बाद आश्रम में जाना छोड़ दिया था। लोकलाज के डर से बात को दबा दिया। इसके बाद अचानक एक दिन मां पर तेजाब फेंका गया। तब मां ने महंत पर इस हमले का आरोप लगाकर मामला दर्ज करवाया था। मां को उसकी करतूत का पता लगने और मामला पुलिस तक पहुंचने पर महंत डर गया था। पुलिस से बचने के लिए उसे पूजा-अर्चना और हवन करना शुरू कर दिया। उसने अपने अलग-अलग राज्यों के 5 आश्रमों में पूजा करवाई थी। महंत की गिरफ्तारी के बाद से मां-बेटी का पता नहीं है। संभावना है कि वे पुलिस सुरक्षा में है। ताकि दोनों पर दबाव न बनाया जा सकें। मांडल सीओ सुरेंद्र कुमावत ने बताया कि महंत सरजूदास महाराज पर एक नाबालिग ने दो सालों तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया हया है। पुलिस ने आरोपी को गुरुवार को गंगापुर कोर्ट में पेश किया। मजिस्ट्रेट ने 2 जनवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए थे। उसके वकील ने पुलिस के पास साक्ष्य नहीं होने पर जमानत देने की अर्जी लगाई थी। मामले में पुलिस सभी पहलू पर जांच कर रही है।
