मोदी सरकार कोरोना काल के बाद अचानक दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों का अब अध्ययन कराने की तैयारी में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सूत्रों ने कहा कि इसको लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पिछले कुछ महीनों से देश में नाचते गाते और जिम में एक्सरसाइज करते लोगों को हार्ट अटैक के मामले में तेजी आई है। खासकर कम उम्र के लोगों के साथ दिल का दौरा पड़ने के मामले बढे हैं। आईसीएमआर रिसर्च कर इस बात का पता लगाएगी कि कहीं इन मौतों के पीछे कोरोना के साइड इफेक्ट तो नहीं हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय दिल का दौरा पड़ने के मामलों को सर्वे करा कर सटीक वजहों को पता लगाएगा। आईसीएमआर पता लगाएगी की दिल का दौरा पड़ने के कितने मामले हाल के दिनों में घटित हुए हैं। साथ ही हार्ट अटैक के समय और पीड़ितों को कोरोना के टीके लगे थे या नहीं, इस बात का भी पता लगाएगी।
हाल के दिनों में कोरोना के बूस्टर डोज को लेकर लोगों में उत्साह कम हुआ है। केंद्र सरकार पिछले कई महीनो से इसके कारणों को पता लगाने की किशिश कर रही है। केंद्र सरकार को अलग अलग फोरम से भी फीडबैक मिला है कि लोगों में वैक्सीन से नुकसान ना हो जाए, इस वजह से आशंका पनप रही है। ऐसे में लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगाने के लिए सरकार हार्ट अटैक से हो रही मौतों का अध्ययन कराने जा रही है।
देश के डॉक्टरों का भी मानना है कि वैसे तो हार्ट अटैक के मरीजों को वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन कोरोना संक्रमित लोगों में हार्ट अटैक का खतरा पहले की तुलना में बढ़ जाता है। खासकर सांस के मरीजों को काफी दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं। क्योंकि कोविड के कारण शरीर की धमनियां और दिल की मांसपेशियां प्रभावित हो जाती हैं। कुछ मामलों में तो ब्लड क्लोटिंग भी हो जाता है।
