भारत सरकार ने बुजुर्ग करदाताओं को बड़ी राहत दी है। यह राहत 75 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को दी गई है।
वित्त मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बताया गया कि 75 साल से अधिक के ऐसे नागरिक, जिनके पास आय का स्रोत केवल पेंशन और बैंक जमाओं से मिलने वाला ब्याज है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। उनके लिए टैक्स व रिटर्न फाइल करना मुश्किल हो जाता है। इसे देखते हुए सरकार का ये कदम काफी जरूरी था।
सरकार ने 75 वर्ष से अधिक के नागरिकों को इनकम टैक्स रिटर्न में राहत देने के लिए इनकम टैक्स 1961 के नियम में संशोधन किया है। इसमें नई धारा 194-पी को जोड़ दिया है। इस बदलाव की जानकारी बैंकों को दे दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल इसकी घोषणा की थी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (सीबीडीटी) ने कहा है कि नए नियमों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इनकम टैक्स के नियम 31, नियम 31ए, फॉर्म 16 और 24क्यू में जरूरी बदलाव किए गए हैं। बदलावों के अनुसार, 75 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए आईटीआर भरना जरूरी नहीं है। जिस बैंक में उनका खाता होगा, वह बैंक अपने आप इनकम पर बनने वाला टैक्स काट लेगा और रिटर्न भरेगा। इसके लिए नागरिकों को 12 बीबीए फॉर्म भरकर अपने बैंक में जमा करना होगा।
अभी सरकार 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर टैक्स में छूट देती है। हालांकि, आयकर रिटर्न उनके लिए भरना भी जरूरी होता है। इसके जरिए वे उनसे लिए गए टीडीएस पर रिफंड क्लेम कर सकते हैं। 2.5 से 5 लाख की आय पर टैक्स जरूर बनता है, लेकिन वह इतना कम होता है कि रीबेट के अंदर ही एडजेस्ट हो जाता है।
