नेपाल में रविवार सुबह यति एयरलाइंस का एटीआर—72 प्लेन काठमांडू से 205 किमी दूर पोखरा में क्रैश हो गया। इसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। लैंडिंग से महज 10 सेकेंड पहले विमान पहाड़ी से टकरा गया। इससे प्लेन में आग लग गई और वह खाई में जा गिरा। पिछले 30 सालों में नेपाल में यह 28वां विमान हादसा है।
समाचार लिखे जाने तक विमान के मलबे से 68 शव निकाले जा चुके हैं। विमान में पांच भारतीय यात्री भी सवार थे। घटनास्थल से दो लोगों को जीवित निकाला गया, दोनों मछुआरे थे।
हादसा कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच हुआ। विमान ने काठमांडू से पोखरा जाने के लिए सुबह 10:30 बजे उड़ान भरी थी। पोखरा एयरपोर्ट काठमांडू से 200 किमी दूर है। यहां पहुंचने में 25 मिनट लगते हैं।
विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 लड़के भी शामिल हैं।
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल की तरफ से कहा गया है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से दुर्घटना हुई है। उड़ान से पहले सभी टेक्निकल जांच और प्रोसेस को पूरा किया गया था और उसमें कोई भी टेक्निकल खराबी नहीं दिखाई दी थी। हादसे की जो तस्वीरें और फुटेज सामने आई हैं, उन्हें देखकर किसी के भी जीवित बचने की उम्मीद नहीं है।
सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थीं, इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है। शुरुआत में कहा गया था कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ है।
पोखरा एयरपोर्ट एटीसी के सोर्सेज के मुताबिक हादसा रनवे से महज कुछ मीटर दूर हुआ। पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है। पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी और परमिशन मिल भी गई थी। थोड़ी देर में पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और उसे दोबारा परमिशन दे दी गई, लेकिन लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
