पाकिस्तान में आटे की कमी के चलते हाहाकार मचा हुआ है। लोग आटे के लिए ट्रकों के पीछे पैसे लेकर दौड़ रहे हैं। आटे के लिए छीना-झपटी तक हो रही है। इसमें कई लोग घायल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले 18 दिनों से आटे की किल्लत चल रही हैं। सब्सिडी वाले आटे का स्टॉक खत्म हो गया है। इस वजह से सरकार देश के अलग-अलग हिस्सों में जनता को कम दामों पर आटे के पैकेट उपलब्ध करा रही है। इसे खरीदने के लिए लोग लंबी लाइनों में खड़े हुए नजर आ रहे हैं।
कई जगहों पर तो भगदड़ मच रही है। शहीद बेनजीराबाद जिले के सकरंद कस्बे में एक आटा चक्की के बाहर सस्ता आटा खरीदते वक्त भगदड़ मच गई। इससे तीन महिलाओं की मौत हो गई। सिंध राज्य के मीरपुर खास जिले में 35 साल के एक मजदूर को लोगों ने कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
एक वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग एक शख्स से उसकी आटे की बोरी छीन रहे हैं। शख्स बोरी को कस के पकड़ा हुआ है, लेकिन बाकी के दो लोग उसके साथ मार-पीट करते हुए बोरी छुड़ा रहे हैं।
सिंध में आटे की डिमांड ज्यादा और सप्लाई बेहद कम है। सिंध और कराची में आटे की कीमत 140 से 160 रुपए प्रति किलोग्राम है। सब्सिडी रेट पर आटा 65 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। हालत इतनी खराब है कि लोग 5-5 किलो की बोरी के लिए भी लड़ रहे हैं।
खैबर पख्तूनख्वा में हालात सबसे खराब हैं। यहां लोग आटे के लिए ऐसी सरकारी दुकानों को तलाश रहे हैं, जहां आटे का पैकेट 1000 से 1500 रुपए में मिलता हो। दरअसल, खुले बाजार में 20 किलो आटे के पैकेट की कीमत 3100 रुपए तक पहुंच गई है। एक साल पहले इसकी कीमत 1100 रुपए थी।
आटे की बढ़ती कीमतों की वजह से कई इलाकों में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में महंगाई, बेरोजगारी से परेशान जनता सरकार पर भेदभाव के आरोप लगा रही है। लोगों का कहना है कि इस इलाके में इमरान खान की पार्टी पीटीआई सत्ता में है, इसलिए सत्ताधारी शहबाज शरीफ की सरकार जानबूझकर सामान की आपूर्ति नहीं होने दे रही है।
