राजस्थान के एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अपने विवादित निर्देश का फायदा पुलिस महकमे की ही एएसपी दिव्या मित्तल को पहुंचा दिया। ब्यूरो ने घूसकांड की आरोपी दिव्या की संपत्ति का ब्यौरा उस निर्देश का हवाला देते हुए, सार्वजनिक नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने एक मौखिक निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार ब्यूरो में एफआईआर दर्ज होने के बाद भ्रष्टाचारी के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई चार्जशीट पेश होने तक सार्वजनिक नहीं की जाए। इसमें भ्रष्टाचारी के ठिकानों पर तलाशी में क्या-क्या सम्पत्ति मिलती है, इसका भी खुलासा नहीं करने के लिए कहा है।
एसीबी के कार्यवाहक डीजी प्रियदर्शी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, अनुसंधान के चलते सम्पत्ति की जानकारी नहीं दी जा सकती। चार्जशीट पेश करने के दौरान सम्पत्ति की जानकारी दी जाएगी।
दो करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल के खिलाफ उदयपुर पुलिस ने आबकारी एक्ट का मामला दर्ज किया है। एसीबी को दिव्या के रिसॉर्ट की तलाशी में अवैध शराब और एक पट्टा (थानों में पहले बदमाशों की पिटाई के काम में लिया जाता था) मिला। एसीबी टीम को दिव्या के घर की सर्च में कई प्लॉट व जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं।
अम्बामाता थानाधिकारी रविंद्र चारण ने बताया कि एसीबी राजसमंद के एएसपी अनूपसिंह की रिपोर्ट पर दिव्या और रिसॉर्ट संचालनकर्ता सुमित कुमार पर आबकारी एक्ट में केस दर्ज किया है। आरोपी दिव्या अभी तीन दिन के रिमांड पर एसीबी की हिरासत में है। उसको 20 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
