कोटा में फिर छात्र का आत्मदाह प्रयास

कोटा में फिर एक छात्र ने जिंदगी खत्म करने का प्रयास किया। नीट की तैयारी कर रहे इस छात्र को उसके पिता ने पढ़ाई पर फोकस करने के लिए कहा था। इसी से नाराज छात्र ने खुद पर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा ली। इस हादसे में वह 55 प्रतिशत तक झुलस गया। मामला शहर के जवाहर नगर थाना क्षेत्र का है।

डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि मयंक (20) बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में रहता है। उसके पिता संजय कुमार बिहार में प्रिंटिंग वर्क का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि मयंक के पिता बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे उनके बेटे से मिलने आए थे। यहां दोपहर 12:30 बजे तक वे रुके थे। इस दौरान मयंक से पढ़ाई को लेकर बातचीत हुई।

अमर सिंह के अनुसार पिता ने पढ़ाई पर फोकस करने का कहा था। इसी बात से मयंक नाराज हो गया। वह अपने पिता को छोड़कर रूम पर आया और खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। आग लगते ही मयंक चिल्लाने लगा। पीजी संचालक कमरे में आए तो वह झुलसा हुआ था। वे तुरंत मयंक को कोटा के डिस्ट्रीक्ट हॉस्पिटल लेकर आए। परिजन मयंक को गुरुवार सुबह इलाज के लिए पटना लेकर रवाना हो गए।

पिता संजय ने बताया कि वह बुधवार को ही बेटे से मिलने दिल्ली से कोटा पहुंचे थे। मयंक 12वीं पास कर 2 महीने पहले ही कोटा आया था। वहां नीट की पहले कोचिंग कर चुका था। सोचा कि कोटा में पढ़ाई का माहौल है तो उसे यहीं भेज दिया और यहां रूम लेकर पढ़ाई करने लगा।

पिता ने बताया कि पढ़ाई को लेकर ऐसा कुछ दबाव नहीं था। बुधवार को हमने रूम में बैठकर साथ में खाना खाया था। ये जरूर कहा कि पढ़ाई पर फोकस करना। तुम्हारा जो टारगेट है उसे हासिल करना है। ऐसा हम अक्सर मयंक से कहते रहते थे, लेकिन उसके मन में क्या चल रहा था, हमें नहीं पता।

पिता संजय ने बताया कि बातचीत करने के बाद दोपहर में जब स्टेशन के लिए निकले तो मयंक हमें तलवंडी चौराहे तक छोड़ने आया। मुझे प्रणाम भी किया तो यहां भी कहां कि पढ़ाई पर ध्यान देना। स्टेशन पहुंचा तो पीजी संचालक का कॉल आया कि तुम्हारा बेटा घायल हो गया। पीजी आने पर पता चला कि उसे हॉस्पिटल ले गए हैं। हॉस्पिटल आए तो जानकारी मिली कि बेटे ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया है। पिता ने बताया कि अभी इलाज सही चल रहा है, लेकिन अब हम अपने बेटे को पटना ले जाना चाहते हैं।

इस हादसे में मयंक के कमर के ऊपर का हिस्सा बुरी तरह से जल गया। हालांकि उसकी हालत में सुधार बताया जा रहा है। संजय ने बताया कि उनके दो बेटे हैं और इनमें मयंक बड़ा है। वह मानसिक तौर पर मजबूत भी है। खुद ने ही कहा था कि वह कोटा जाकर अलग से तैयारी करेगा, लेकिन ऐसा क्यों किया पता नहीं।

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