विद्या की देवी मां सरस्वती का अवतरण दिवस–बसंत पंचमी भी इस बार दो दिन मनाई जाएगी। माघ शुक्ल चतुर्थीयुक्त पंचमी पर 25 जनवरी को पूर्वान्ह व्यापिनी के साथ पूर्व विद्या होने से बसंत पंचमी मनाई जाएगी। अगले दिन उद्यात व्यापिनी पंचमी होने से 26 जनवरी को भी बसंत पंचमी का उल्लास छाएगा। इस दिन चार शुभ संयोग रहेंगे। ज्ञात हो कि इसबार मकर संक्रांति भी दो दिन मनाई गई है।
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी पर्व पूर्वाह्न व्यापिनी माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। यदि पंचमी दोनों दिन पूर्वाह्न व्यापिनी हो तो धर्मसिन्धु के अनुसार पूर्वा विद्धा पंचमी के दिन यह पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष माघ शुक्ल पंचमी 25 व 26 जनवरी को दोनों दिन पूर्वाह्न व्यापिनी है। 25 जनवरी को यह दोपहर 12.35 बजे से 12.39 बजे तक (पूर्वाह्न समाप्ति) केवल 04 मिनट के लिए पूर्व विद्धा के रूप में विद्यमान है। पूर्व विद्या राजस्थान के लिए 4 मिनट प्राप्त हो रहा है, इसलिए प्रदेश में 25 जनवरी को ही बसंत पंचमी मनाना शास्त्र सम्मत है, जबकि पूर्वी भारत के राज्यों में 26 जनवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
एक अन्य ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार बसंत पंचमी पर 26 जनवरी को 4 विशेष संयोग रहेंगे। इस दिन शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग रहेगा। सूर्योदय से दोपहर 3.29 बजे तक शिव योग रहेगा, इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा, जो पूरी रात रहेगा। वहीं शाम 6.57 बजे सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग शुरू हो जाएंगे।
जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में बसंत पंचमी महोत्सव 26 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन ठाकुरजी का पाटोत्सव भी होगा।
बसंत पंचमी पर 26 जनवरी को खण्डेलवाल दिवस भी मनाया जाएगा। शहर में खंडेलवाल समाज की ओर से शोभायात्राएं निकाली जाएंगी।
