प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद जारी है। भारत में इस डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब और ट्विटर पर बैन कर दिया गया है। मगर कई सोशल नेटवर्किंग साइट पर अभी भी यह डॉक्यूमेंट्री उपलब्ध है।
डॉक्यूमेंट्री के आधार पर विपक्ष पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमलावर है। कई लोगों ने इस डॉक्यूमेंट्री की सत्यता पर भी सवाल खड़े किए हैं। विवाद के बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। यहां छात्रों को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसकी स्क्रीनिंग को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विवि के अधिकारियों के पास शिकायत भी दर्ज कराई है। वहीं, दिल्ली के जेएनयू में भी यह फिल्म दिखाई जानी थी, लेकिन अंत समय में कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।
हैदराबाद यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने की अधिकारी जांच कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार यूनिवर्सिटी कैंपस में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था। पुलिस का कहना है कि इसका संज्ञान लिया गया और मामले को लेकर जांच भी शुरू कर दी गई है। इधर, दिल्ली की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह द्वारा “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। जेएनयू में आज बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होनी थी, लेकिन शांति भंग होने की आशंका से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रद्द कर दिया गया।
जेएनयू में स्क्रीनिंग कार्यक्रम को लेकर पर्चे बांटे गए थे। छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने भी विवादित डॉक्यूनमेंट्री का पोस्ट्र शेयर किया। उन्हों ने इसकी स्क्रीनिंग का पोस्टर भी शेयर किया था। आइशी का यह पोस्टू वायरल होने पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी कर दी। इसके बाद यहां स्क्रीनिंग को भी रद्द कर दिया गया।
बीबीसी ने गुजरात दंगों को लेकर एक सीरीज तैयार की है। इसका पहला भाग शेयर किया गया था। डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगे के समय की गुजरात सरकार पर सवार खड़े किए गए हैं। इसी लिए यह विवादों में है।
