प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद दिल्ली से बढकर पंजाब तक पहुंच गया है। दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में स्क्रीनिंग के बाद अब जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (जेएमआईयू) में वामपंथी समर्थन वाले स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के छात्रों के आज डॉक्यूमेंट्री दिखाने के ऐलान के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। उधर, पंजाब यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिग को आधे में रोका दिया गया।
जामिया में ऐलान कर माहौल खराब करने को लेकर पुलिस ने तीन छात्रों को हिरासत में लिया। उनकी हिरासत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 7 अन्य छात्रों को भी पुलिस ने पकड़ लिया। चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है। पुलिस के अनुसार वाकये को लेकर जामिया यूनिवर्सिटी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
जामिया प्रशासन की तरफ से जारी किए गए नोटिस के बावजूद बुधवार शाम 6 बजे गेट नंबर-8 पर एमसीआरसी लॉन में विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई जा रही थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। सुरक्षा बढाने के बाद लॉन में और गेट पर बैठक तथा सभा की अनुमति नहीं दी गई है। अब आयोजकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही जा रही है।
2002 के दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर आधारित डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने प्रतिबंध लगाते हुए इसे सोशल मीडिया कंपनियों को हटाने के लिए कहा है। विपक्ष ने इस कदम की आलोचना की है।
