पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को आज जेल से रिहा नहीं किया गया। अच्छे आचरण के कारण सिद्धू को गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा किया जाना था, लेकिन वो फिलहाल टल गई। क्योंकि 26 जनवरी को रिहा होने वाले कैदियों की सूची को पंजाब सरकार की मंजूरी नहीं मिल पायी, जिस कारण सिद्धू की रिहाई टल गई है।
सिद्धू की रिहाई पर संशय से उनकी पत्नी नवजोत कौर ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, सिद्धू खूंखार जानवर की कैटेगरी में आते हैं, इसलिए सरकार उन्हें रिहाई नहीं देना चाहती। आप सब से अनुरोध है कि उनसे दूर रहें। रोडरेज के 34 साल पुराने मामले में पटियाला जेल में एक साल की सजा काट रहे सिद्धू की रिहाई को लेकर उनके समर्थकों ने काफी तैयारियां पहले ही कर ली थीं।
पंजाब के अलग-अलग इलाकों में सिद्धू की रिहाई के स्वागत के लिए पोस्टर चिपकाए गए थे। उनके समर्थकों ने ट्विटर हैंडल से एक रूट मैप भी शेयर किया था, जिसमें बताया गया था कि किन रास्तों से सिद्धू गुजरेंगे। इस ट्वीट में उनके समर्थकों ने लोगों से सिद्धू का स्वागत करने की अपील की थी।
नवजोत सिद्धू 20 मई को पटियाला जेल में गए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद कोर्ट में सरेंडर किया था। उन्हें एक साल की सजा हो चुकी है। दिसंबर 1988 के रोड रेज मामले में उन्हें सजा मिली है, जिसमें एक बुजुर्ग की सिद्धू के साथ पार्किंग को लेकर झड़प हो गई थी और गुस्से में सिद्धू ने उन्हें मुक्का मार दिया था। इससे बुजुर्ग की मौत हो गई थी। नवजोत सिद्धू अब तक करीब 8 महीने की सजा काट चुके हैं।
नियमों के अनुसार सजा से राहत के लिए सभी चीजें सिद्धू के पक्ष में हैं। पहले ही जेल प्रशासन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अच्छे आचरण के चलते कई कैदियों को रिहा करने की सिफारिश पंजाब सरकार को भेजी थी, उसमें सिद्धू का भी नाम था। जेल में नवजोत सिद्धू का आचरण अच्छा पाया गया था। उनको जेल में क्लर्क के कामकाज की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने जेल में नियम होने के बावजूद कोई छुट्टी तक नहीं ली थी, जो उनकी जेल से रिहाई के लिए उनकी दावेदारी को और मजबूत करता है।
जेल की सिफारिश के बाद गेंद पंजाब सरकार के पाले में थी। अंतिम फैसला सरकार को ही करना था। लेकिन आज सुबह नवजोत सिद्धू की पत्नी और पूर्व विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने खुद एक ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला।
