गुजरात के गांधीनगर कोर्ट ने महिला शिष्या से बलात्कार के मामले में आसाराम बापू को दोषी करार दिया है। कोर्ट सजा का ऐलान मंगलवार को करेगा। आसाराम पर सूरत की एक महिला ने करीब 10 साल पहले अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में बार-बार रेप करने का आरोप लगाया था। इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को नाबालिग से रेप के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह मामला 2013 का है।
आसाराम पर दुष्कर्म करने, अप्रकृतिक यौन संबंध बनाने, आपराधिक साजिश रचने, सबूतों को नष्ट करने आदि के आरोप हैं। आसाराम की पत्नी और बेटी सहित छह अन्य सह आरोपियों पर उकसाने, बंधक बनाने और साजिश रचने के आरोप हैं। सूरत पुलिस ने छह अक्टूबर 2021 को दो बहनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी। एक मामला आसाराम और दूसरा उसके बेटे नारायण साई के खिलाफ दर्ज किया गया था।
दोनों पर दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से बंधक बनाने सहित कई धाराएं लगाई गई हैं। बाद में आसाराम के खिलाफ दर्ज शिकायत को अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि घटना वहां के आश्रम में हुई थी। वर्ष 2013 में एक किशोरी से दुष्कर्म करने के आरोप में जोधपुर (राजस्थान) की अदालत ने 2018 में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह इस समय जोधपुर की जेल में है।
