बजट सत्र के आज तीसरा दिन अदाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने हंगामा रुकता न देखकर पहले कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी। राज्यसभा में भी कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। खरगे सहित 13 दल जेपीसी जांच की मांग पर अड़े गए। गतिरोध के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 3 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई।
गुरुवार को संसद के लोकसभा-राज्यसभा में जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर हंगामा मच गया। विपक्षी नेताओं ने अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित 13 दलों ने सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहाकि, एलआईसी, स्टेट बैंक सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जिन लोगों का पैसा है, उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए। आखिरकार दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित की गई।
खरगे ने कहाकि सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं, उन्हें सदन में उठाना है। इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे, लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं, उसे खारिज कर दिया जाता है। खरगे ने आगे कहाकि, हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा एलआईसी या अन्य संस्थानों में है, वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए हैं।
विपक्ष ने अडानी एंटरप्राइजेज पर हिंडनबर्ग शोध रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। खड़गे ने कहा, हम इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग करते हैं और संसद के अंदर इस मांग को उठाएंगे। हम मांग करते हैं कि कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जानी चाहिए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि अडानी मुद्दे को उठने से रोकने के लिए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित की गई है।
अमेरिका की शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। विपक्षी दल अडानी मुद्दे के साथ ही सीमा पर चीनी अतिक्रमण और राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
