सरकार उठाएगी इमरजेंसी में इलाज का खर्च

राजस्थान में अब निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। सरकार इसके लिए अलग से फंड बनाने पर विचार कर रही है। राइट टू हेल्थ बिल पर डॉक्टरों और निजी अस्पताल संचालकों के विरोध को देखते हुए सरकार ने इमरजेंसी इलाज के लिए अलग से फंड बनाने का फैसला किया है।

स्वास्थ मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा- राइट टू हेल्थ बिल के जिस प्रावधान को लेकर डॉक्टर और निजी अस्पताल संचालक विरोध कर रहे हैं, उसका भी समाधान निकाल दिया है। इमरजेंसी में अगर कोई मरीज आता है तो उसके इलाज का खर्च सरकार उठा लेगी। इसके लिए हम अलग से फंड देंगे।

राइट टू हेल्थ बिल पर निजी अस्पताल संचालकों का सबसे बड़ा विरोध इलाज के खर्च को लेकर ही था। अस्पताल संचालकों का कहना है कि इमरजेंसी में आने वाले एक्सीडेंट केस में मरीज का इलाज करने का प्रावधान तो बिल में है, लेकिन इस इलाज पर होने वाले खर्च को कौन उठाएगा, यह तय नहीं है। बिल में ये भी प्रावधान है कि एक्सीडेंट के अलावा इमरजेंसी में कोई अन्य मरीज भी इलाज के लिए अस्पताल में आता है। उसे पैसे के अभाव में डॉक्टर या अस्पताल इलाज देने से मना नहीं कर सकते। रुपए देने का दबाव नहीं डाल सकते। भुगतान नहीं होने की स्थिति में शव नहीं रोक सकते।

इसी को लेकर निजी अस्पताल संचालक विरोध कर रहे थे। उनका कहना है कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निजी अस्पतालों पर डालना चाहती है। 50 फीसदी से ज्यादा मरीज निजी अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं।

मंत्री मीणा ने फंड बनाने का जिक्र तो किया, लेकिन उस फंड में कितना पैसा होगा, इसका कोई जिक्र नहीं किया है। संभावना है कि बजट सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पर बजट की अलग से घोषणा कर सकते हैं।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.