गहलोत सरकार ने सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉमहोम सुविघा देने से इनकार कर दिया है। सरकार के इस फैसले को महिला कार्मिकों के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने कहा कि पीरियड्स के दौरान महिला कार्मिकों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिया जाना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
गत 31 जनवरी को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा गया था कि क्या यह सही है कि सरकार को प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड के दौरान वर्क फ्रॉम होम दिए जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, क्या सरकार महिलाकर्मियों को पीरियड के दौरान वर्क फ्ऱॉम होम सुविधा देने के आदेश जारी करने का विचार रखती है. यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्यों?
जिस पर सरकार ने माना कि प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम दिए जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, लेकिन फिलहाल प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों को पीरियड्स के दौरान वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दिए जाना विचाराधीन नहीं है। सरकार के इनकार करने पर प्रदेश के महिला संगठनों और सरकारी महिला कार्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है। महिला संगठनों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को महिला कार्मिकों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देनी चाहिए।
