ये क्या कर बैठे गहलोत !! पढ गए पुराना बजट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आज विधानसभा में ऐतिहासिक भूल हो गई। उन्होंने पुराना बजट भाषण पढ़ दिया। करीब 6 मिनट तक वे पुराना बजट पढ़ते रहे, फिर अचानक रुक गए। ऐसा लगा कि एक पेज पढने के दौरान छूट गया हो। तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आकर सीएम के कान में कुछ कहा और वो ठिठक गए। गहलोत का भाषण रुका और विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ा गया हो। इस पर जोरदार हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी।

विपक्षी सदस्य भारी हंगामा करते हुए सदन के वेल में आ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है। भारी हंगामे के कारण सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को तलब किया और अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की। वित्त विभाग से जुड़े अधिकारी बजट की कॉपी लाने के लिए भागे। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री के अलावा कोई और बजट नहीं ला सकता है। बजट तकनीकी रूप से लीक हुआ है।

दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो सीएम अशोक गहलोत ने सफाई दी। कहा, बजट भाषण की इस कॉपी में फर्क हो तो बताइए। एक अतिरिक्त पेज लग गया गलती से। मैं एक पेज गलत पढने लग गया। लीक होने का सवाल कहां से आ गया?’

राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। करीब आधे घंटे तक कार्यवाही स्थगित रही। गलती पड़ताल में पता चला कि मुख्यमंत्री ने भाषण की शुरुआत की तो वह शेर पिछले भाषण में नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल ही की गई थी।

जब गहलोत ने दो बिंदु हूबहू पढ़े तो सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सीएम के कान में बोला। इसी बीच विपक्ष के नेता और उपनेता ने सवाल उठाया कि सीएम पुराना भाषण पढ़ रहे हैं और बजट लीक हो गया है। भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया तो स्पीकर ने 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उसमें हमने पता लगाया। सीएम ने जो भाषण दिया है, वह ठीक नहीं होगा। आज की घटना से आहत हुए हैं। मानवीय भूल होती रहती है। इस पूरी कार्यवाही को सदन रिकॉर्ड से बाहर किया जाता है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर बताया कि गलत पढ़ रहे हैं। बजट लीक हुआ है। बजट गोपनीय होता है। इसकी कॉपी सीएम के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई। सीएम को तीसरे आदमी ने आकर बताया। यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पड़ा। सदन का मान रखना चाहते हैं तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए। आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

वहीं, पूरे घटनाक्रम पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने कहा कि पुराना बजट पढ़ने से पूरा मामला गड़बड़ हो गया। हो सकता है मुख्यमंत्री की फजीहत करने के लिए किसी ने पुराना बजट रख दिया हो। उन्होंने कहा कि बजट बनाने के लिए वित्त विभाग के अधिकारी ही पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। जब तक सीएम विधानसभा में बजट प्रस्तुत नहीं कर दें, वित्त विभाग अधिकारियों के अलावा कोई भी बजट के बारे में जानकारी नहीं रखता। मुख्यमंत्री के ब्रीफकेस में पुराना बजट किसने रखा, यह जांच का विषय है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा… पेपर लीक के बाद अब राजस्थान का बजट भी लीक! गहलोत जी एक कॉपी तो अपने पास भी रखते, पुराना नहीं पढ़ना पड़ता।

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