राजस्थान के निजी अस्पताल अब आईजीएचएस (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) और चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे। अब नगद या मेडिक्लेम पर ही प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज मिलेगा।
इधर, रीइट-टू-हेल्थ बिल को लेकर शनिवार को विधानसभा की प्रवर समिति की बैठक भी हुई, लेकिन किसी बात पर सहमति नहीं बनी। बैठक दोबारा 15 फरवरी को बुलाई गई है।
निजी अस्पतालों की जॉइंट एक्शन कमेटी ने निर्णय लिया कि वे सभी सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करेंगे। सरकार की प्रवर समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी (पीएचएनएस) के सचिव डॉ विजय कपूर ने कहा कि सरकार की मंशा राइट टू हेल्थ बिल को लाने की है। हमसे सिर्फ सुझाव मांगे जा रहें है। ऐसे में यह निर्णय लिया गया है कि हम इस बिल को किसी सूरत में बर्दास्त नहीं करेंगे। जब तक इस बिल को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम निजी अस्पतालों में सरकार की सभी योजनाओं का बहिष्कार करेंगे। सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना, आरजीएचएस व अन्य सभी योजनाओं का निजी अस्पतालों में अब लाभ नहीं दिया जाएगा।
इससे पहले शनिवार सुबह जेएमए में बिल के विरोध में सभी डॉक्टर्स एकत्रित हुए। जहां से डॉक्टर्स ने सरकार के खिलाफ रैली निकाली। रैली एसएमएस मेडिकल कॉलेज से त्रिमुर्ति सर्किल तक निकाली गई। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में शनिवार को प्रदेशभर में निजी अस्पताल बंद भी रहे। बंद को अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ, मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन व फार्मासिस्ट एसोसिएशन की तरफ से समर्थन दिया गया।
