तमाम खूबियों वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे

तमाम खासियतों को समेटे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जर्मन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसपर 150 किमी से अधिक रफ्तार से वाहन दौड़ सकते हैं। हालांकि स्पीड सीमा 120 किमी प्रतिघंटा तय की गई है।

दिल्ली से लेकर मुंबई तक बनने वाला यह हाई-वे राजस्थान में 373 किमी दूरी तय करेगा। इस दूरी में राजस्थान के 7 जिले जुड़ेंगे। दिल्ली से निकलने पर अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिले इससे जुड़ेंगे। एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के लिए हर जिले में एक ही प्रवेश और निकासी पाइंट होगा। यहीं से ही हाईवे पर आ-जा सकेंगे।

अभी जयपुर से दिल्ली पहुंचने में साढ़े छह से सात घंटे लगते हैं। दावा किया जा रहा है कि इस नए एक्सप्रेस-वे से यह सफर महज 3 घंटे का रह जाएगा। 12 फरवरी से एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।  एक्सप्रेस-वे पर हर जिले के प्रवेश-निकासी पाइंट पर निकलते समय टोल लगेगा। रास्ते में कहीं भी रूकावट नहीं होगी। कोई स्पीड ब्रेकर नहीं होगा और एक्सप्रेस-वे को इतना ऊंचा बनाया गया है कि आवारा जानवर इसपर नहीं आ सकेंगे। 

ट्रॉमा सेंटर : एक्सप्रेस-वे के रेस्ट एरिया में ट्रॉमा सेंटर बनाए गए है। जहां पर 24 घंटे डॉक्टर मौजूद रहेंगे। सफर के दौरान किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उसे ट्रॉमा सेंटर लाया जा सकेगा। यहां पर मेल-फीमेल वार्ड अलग से बनाए गए हैं। आईसीयू वार्ड, ऑपरेशन थिएटर भी बनाया गया है। जहां मरीजों का ऑपरेशन भी किया जा सकेगा। एम्बुलेंस भी एनएचएआई की ओर लगाई गई है।

चार्जिंग पाइंट : हाई-वे के रेस्ट एरिया में अलग से चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जो 24 घंटे चालू रहेंगे। चार्जिंग स्टेशन के लिए अलग से टेंडर जारी किया गया है।

पेट्रोल पंप : रेस्ट एरिया में दोनों ओर पेट्रोल पंप बनाए गए हैं। क्योंकि दिल्ली से हाईवे पर आने के बाद इंटरचेंज पर ही वापस उतर सकते है।

रेस्टोरेंट : रेस्ट एरिया में अलग से दोनों ओर रेस्टोरेंट खोले जाएंगे। यहां पर दक्षिण भारतीय से लेकर चाइनीज फूड मिल सकेगा। देसी-विदेशी सभी तरह के स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकेंगे। बच्चों के खेलने के लिए फन पार्क भी रहेंगे।

ग्रामीण हाट : यहां पर एक ग्रामीण हॉट भी बनाया गया है, जिसमें हैंडीक्राफ्ट सामान बेचे जाएंगे। छोटे कारीगरों के बने हुए सामान यहां पर खरीद कर लाए जाएंगे। इससे स्मॉल इंडस्ट्रीज को भी बढ़ावा मिलेगा। कैश की दिक्कत दूर करने के लिए एटीएम भी लगेंगे।

सर्विस स्टेशन :  अगर किस की गाड़ी खराब हो जाती है या दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाती है तो यहां पर अलग से सर्विस स्टेशन भी बनाए गए हैं।

उतर सकते प्लेनः  एक्सप्रेस-वे पर फाइटर जेट व प्लेन भी उतारे जा सकेंगे। दिल्ली से दौसा के बीच में 8 जगह और पूरे हाइवे पर 53 जगह चिन्हित की गई हैं, जहां पर विमान की आपात लेडिंग कराई जा सकेगी। सड़क को बनाने के लिए 4 लेयर की परत बनाई गई है, जिससे सड़क काफी मजबूत हो जाती है। सड़क हाई टेम्प्रेचर सहन कर सकती है। लोडिंग वाहनों का सड़क पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

ग्रीनफील्ड हाई-वेः दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का भी फील होगा। यहां प्रदूषण कम करने के लिए 10 लाख से अधिक पौधे लगाए जा रहे हैं। दोनों सड़कों के बीच में करीब 10 से 15 फीट की जगह छोड़ी गई है। एक्सचेंज पाइंट्स पर बडे़-बड़े सर्किल बनाए गए हैं। यहां पर खास तौर पर नीम, स्नेक, एरिका, गरबेरा व जाइलीन आदि के पेड़ लगाए जा रहे हैं। ये पौधे पर्यावरण को शुद्ध रखेंगे। ये कार्बन डाइ ऑक्साइड के साथ-साथ जहरीली गैसों को ऑब्जर्व कर लेते है।

पानी के टैंकः हाईवे पर बारिश के पानी को बचाने के लिए टैंक बनाए जा रहे है। बारिश होने पर हाईवे से सीधा पानी इन टैंकों में ही चला जाएगा। टैंकों की क्षमता 700 लीटर के करीब रहेगी। इन्हीं टैंकों से एक्सप्रेस-वे पर लगे पौधों में पानी दिया जाएगा। पौधों तक पानी पहुंचाने के लिए ड्रिप सिस्टम लगाए गए हैं। छोटे-छोटे पानी के पाइप हर पौधे तक लगाए गए है। हाइवे पर दोनों ओर टैंक बनाए जा रहे है। केवल दौसा जिले में ही 130 टैंक बनाए गए है। पूरे हाइवे पर दो हजार से अधिक टैंक बनेंगे। हर 500 मीटर की दूरी पर टैंक बनेगा।

सीसीटीवी-स्पीडो मीटरः पूरे एक्सप्रेस-वे पर हर 500 मीटर पर सीसीटीवी लगाए गए हैं।। एक्सप्रेस-वे पर जाने के बाद इन कैमरों में पूरा रिकॉर्ड मौजूद रहेगा। कहां से एक्सप्रेस पर चढे़ और कहां पर उतरे थे। जगह-जगह स्पीड मीटर भी लगे हुए हैं। 120 से अधिक स्पीड में वाहन के चलने पर ऑनलाइन की चालान काट दिया जाएगा। वाहन के रिकॉर्ड में मौजूद मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाएगा। ये पूरी तरह से हाइटेक रहेगा। इसका जुर्माना भी हाईवे पर ही वसूला लिया जाएगा।

आज प्रधानमंत्री ने सोहना से दौसा तक 225 किमी के पहले चरण का लोकार्पण किया है। दूसरे चरण में मार्च 2023 में 100 किमी वडोदरा-अंकलेश्वर और जून 2023 में 211 किमी लंबा झालावाड़ा-एमपी हाइवे खोल दिया जाएगा। अभी तक 1355 किमी लंबे हाइवे में से 738 किमी बन कर तैयार हो चुका है।

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