लोकसभा और 5 राज्य विधानसभाओं में उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) की नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका पर केंद्र, लोकसभा सचिवालय और पांच राज्यों के विधानसभा सचिवालयों को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी वाला की पीठ ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकेटरमणी से आग्रह किया है कि वो इस मसले पर कोर्ट की सहायता करें। जनहित याचिका में कहा गया है कि लोकसभा के अलावा राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और झारखंड विधानसभाओं में नियमों के अनुसार डिप्टी स्पीकर के पद पर चुनाव ही नहीं कराए गए हैं। वहां संविधान में वर्णित डिप्टी स्पीकर का संवैधानिक पद भरा ही नहीं गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्यों को ये पद भरने के आदेश जारी करे।
याचिका में हरियाणा विधानसभा नियमावली का हवाला प्रमुखता से दिया गया है कि वहां विधानसभा कार्यकारी क्रियान्वयन नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि स्पीकर यानी अध्यक्ष के चुनाव के सात दिनों के भीतर उपाध्यक्ष का चुनाव कराना अनिवार्य है। ऐसी ही स्वस्थ और नियमसंगत परंपरा और प्रावधान सारे राज्य और स्वयं लोकसभा में भी संहिताबद्ध होने चाहिए।
