कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सरनेम को लेकर छिड़ी बहस में राजस्थान के भाजपा नेता भी शामिल हो गए हैं। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने आज कहा कि गांधी नाम का फायदा लेने के लिए सोनिया और राहुल गांधी उनका सरनेम लगाते हैं।
देवनानी ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केवल महात्मा गांधी के नाम का फायदा लेने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी अपना सरनेम गांधी लिखते हैं, जबकि उन्हें नेहरू सरनेम लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी को अंग्रेजी से नफरत थी और कांग्रेस महात्मा गांधी के नाम से अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल रही है। महात्मा गांधी ने हमेशा हिंदी को बढ़ावा दिया है।
देवनानी ने कहा कि अशोक गहलोत को मारवाड़ को गांधी कहा जाता है, लेकिन वो गांधी नहीं हैं। आरटीडीसी के होटलों में शराब कल्चर को लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बयान पर पलटवार करते हुए देवनानी ने कहा कि जब मंत्री ही इस तरीके के बयान देंगे तो इस प्रदेश का भगवान ही मालिक है। शराब कल्चर और शराब पीने वालों को बढ़ावा देने के लिए मंत्री इस प्रकार के बयान दे रहे हैं।
उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर कांग्रेस की ओर से लगातार किए जा रहे हैं विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी करते हुए देवनानी ने कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। एक ओर जहां राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस पार्टी अडाणी का विरोध कर रही है, वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत अडाणी के लिए पलक पावडे़ बिछाए हुए हैं। एमओयू करके उन्हें हजारों बीघा जमीन दे दी। इससे साफ है कि अशोक गहलोत राहुल गांधी के विरोधी हैं। अब ये अशोक गहलोत को तय करना है कि वो राहुल गांधी के साथ हैं या फिर उनके विरोध में हैं।
वासुदेव देवनानी ने कहा कि अगर गौतम अडाणी के मामले में किसी को दिक्कत है तो वो कोर्ट चला जाए। अडाणी के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि सहन नहीं किया जाएगा।

हिंदू सनातनी परंपरा में, जब तक कि नहीं,कानूनन गोद लिये जाने की कार्यवाही संपन्न हो जाती, व्यक्ति न नि हा ल का गोत्र प्रयोग नहीं करता है l
देश की एकता, अखंडता हेतु, ‘भारती’, ‘गांधी’, ‘शास्त्री’ , ‘भारतीय’, ‘हिंदुस्तानी’ आदि उपनाम का प्रयोग काफी लोग प्राय: करते हैं l
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