भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने के बदले और बढ़ती जा रही हैं। अमरीकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के झटके के बाद अब बिजनेस मैग्जीन फोर्ब्स ने अडानी ग्रुप के बारे में बड़ा खुलासा किया है। यह खुलासा गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के बारे में है। मैग्जीन ने दावा किया गया है कि ग्रुप ने रूस के एक बैंक से लोन लेने के लिए प्रमोटर की हिस्सेदारी को गिरवी रखा है।
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी द्वारा नियंत्रित एक प्राइवेट कंपनी की सिंगापुर की यूनिट ने रूसी बैंक से कर्ज के लिए अडानी के प्रमोटर के 240 मिलियन डॉलर की संपत्ति को गिरवी रखा है। फोर्ब्स की इस रिपोर्ट को हिंडनबर्ग ने भी ट्वीट किया है। फोर्ब्स की रिपोर्ट में बताया गया कि गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी एक प्रवासी भारतीय हैं, जो लंबे समय से अडानी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों को संभालते हैं। विनोद अडानी दुबई में रहते हैं। वहां से वो सिंगापुर और जकार्ता में अडानी ग्रुप की व्यापारिक मसलों का प्रबंधन करते हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी विनोद अडानी का जिक्र था। उसमें कहा गया था कि विनोद अडानी कई फर्जी कंपनियों को चलाते है। उनकी कंपनियों का पता, उसके काम और उसमें काम करने वाले लोगों के बारे में जानकारी अस्पष्ट है।
फोर्ब्स रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विनोद अडानी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित सिंगापुर की कंपनी पिनेकल ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट प्रा. लि. ने साल 2020 में रूस के सरकारी वीटीबी बैंक के साथ एक लोन एग्रीमेंट किया था। अप्रैल 2021 तक पिनेकल ने 263 मिलियन डॉलर उधार लिए और एक अनाम पार्टी को 258 मिलियन डॉलर उधार दिए। पिनेकल ने एफ्रो एशिया ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट्स और वर्ल्डवाइस इमर्जिंग मार्केट होल्डिंग लिमिटेड को कर्ज के लिए गारंटर के रूप में पेश किया। ये दोनों अडानी ग्रुप के बड़े शेयरधारक हैं। दोनों का अडानी ग्रुप की कंपनियों में 4 बिलियन डॉलर का स्टॉक है। एक्सपर्ट के अनुसार इस रिपोर्ट से अडानी ग्रुप पर गड़बड़ी के आरोप और गंभीर होते हैं। हिंडनबर्ग ने कंपनी पर जो आरोप लगाए हैं, फोर्ब्स की रिपोर्ट उसे सही साबित करती है।
