सीनियर टीचर भर्ती के पेपर लीक मामले में फंसा मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण राजस्थान छोड़ने की तैयारी में था। वह भी हमेशा के लिए।
सारण ने बेंगलुरु में हार्डवेयर का नया बिजनेस शुरू करने की योजना बनाई थी। लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करके पेपर लीक से कमाए पैसों से उसने बेंगलुरु में फ्लैट किराए पर लिया था। सारण का इरादा मार्च में बिजनेस शुरू करने का था। पर उसे गिरफ्तारी का डर भी सता रहा था। इसलिए वह एक पंडित मिला, जिसने उसे बताया कि उसकी कुंडली में राहु-केतु का दोष है, तभी पुलिस पीछे पड़ी है।
कुंडली दोष निवारण के लिए सारण पूजा पाठ में लग गया। नया बिजनेस शुरू करने से पहले पंडित से 15 दिन पहले हवन करवाया था और 24 फरवरी को दूसरा हवन रामानाथम मंदिर में करने वाला था। इसी हवन के लिए विशेष पूजा सामग्री में देशी गाय का घी और तिल चाहिए थे। यह पूजा सामग्री उसे बेंगलुरु में नहीं मिल रही थी, तो जोधपुर में अपने एक साथी से ट्रेन में यह पूजा सामग्री मंगवाई।
सारण जिस हवन से नया बिजनेस और पुलिस से बचने का जुगाड़ कर रहा था, उसी हवन की पूजा सामग्री की मदद से पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस टीम ने भी उसे पकड़ने के लिए जोधपुर से अहमदाबाद तक कार से 444 किमी ट्रेन का पीछा गया। पूरी रात रेलवे स्टेशन की बेंच पर गुजारी। ट्रेन व प्लेन से दौड़ लगाने के बाद उसे पकड़ा जा सका।
भूपेंद्र सारण 13 साल पहले जयपुर में रेलवे की नौकरी करता था। वर्ष 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट होने पर पहली बार उसका नाम सामने आया था। इसके बाद रेलवे ने उसे निलंबित कर दिया था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल से बाहर आने के बाद साल 2022 में हुई पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक में भी उसका नाम आया। इसके बाद से वह फरार चल रहा था। इस बार भूपेंद्र ने करीब चार करोड़ रुपए कमाने के लिए सुरेश ढाका के साथ मिलकर सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाया था।
