नेशनल इलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) परीक्षा को टालने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने तीन मार्च को होने वाली नीट-पीजी- 2023 परीक्षा को तीन महीने के लिए टालने से इनकार कर दिया। याचिका डॉक्टरों की ओर से दखिल की गई थी। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी कि उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए कम समय मिल रहा है, क्योंकि उनकी इंटर्नशिप चल रही है। पिछले शुक्रवार को पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड से जवाब दाखिल करने को कहा था। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि पंजीकृत दो लाख से अधिक उम्मीदवारों में से लगभग 1.3 लाख छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले वर्षों में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है, जो इंटर्नशिप नहीं कर पाए। पिछली प्रथा यह है कि इंटर्नशिप की समय सीमा और परीक्षा के बीच का अंतर कभी भी दो महीने से अधिक नहीं होता है, लेकिन मौजूदा साल में यह गैप पांच महीने से ज्यादा का है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस (एनबीई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि तारीखों की घोषणा छह महीने पहले की गई थी। पहले विंडो में करीब दो लाख तीन हजार छात्रों ने आवेदन किया था। इंटर्नशिप की समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद केवल छह हजार छात्रों ने आवेदन किया, इसलिए मांग केवल कुछ लोगों द्वारा ही की गई।
एनबीई की 15 जुलाई तक काउंसलिंग शुरू करने की योजना है और जिन छात्रों ने अभी तक इंटर्नशिप पूरी नहीं की है, उन्हें अस्थायी रूप से निपटाया जाएगा।
