कोरोना वायरस के बाद अब एच3एन2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) तेजी से फैल रहा है। इस कारण मास्क की वापसी हो गई है। एच3एन2 वायरस, जिसे हांगकांग फ्लू भी कहते हैं, से देश में दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि अपुष्ट खबरें 6 लोगों की मौत की हैं। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में एच3एन2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है।
इसबीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के एच3एन2 सबटाइप के मामलों की कड़ी निगरानी की जा रही है। मार्च के अंत तक इसके मामलों में कमी आने की उम्मीद है।
देश में कोविड-19 का खौफ अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि एच3एन2 के रूप में एक और जानलेवा वायरस की एंट्री हो गई है। सूत्रों के अनुसार इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 90 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में इसे लेकर मंथन शुरु हो गया है और रोकथाम के उपायों को लेकर कोशिशें तेज कर दी गई हैं। उत्तर भारत में इस बीमारी के अधिक मामले आ रहे हैं। खासकर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में इसके मरीज अधिक देखने को मिले हैं। देश के दक्षिणी हिस्से कर्नाटक में भी इसके मरीज मिले हैं।
डॉक्टरों के अनुसार जितने भी मरीज अस्पताल पहुंच रहे है, उनमें से अधिकतर 10 से 12 दिनों तक खांसी की शिकायत लेकर आ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा दोनों मे एक जैसे ही लक्षण हैं। कोरोना की तरह एच3एन2 वायरस भी बड़ी तेजी से संक्रमित करता है। इसीलिए इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की कोरोना जांच भी की जा रही है। एच3एन2 वायरस से संक्रमित मरीजों में खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घबराहट की शिकायत हो सकती है। कुछ मरीजों के गले में खराश, शरीर दर्द और दस्त की भी शिकायत मिली है। परेशानी की बात ये है कि ये सभी लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।
इंडियन कांउसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने नियमित रुप से हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है। ये सलाह कोविड से मिलती जुलती हैं। इसके साथ ही खान पान में बहुत सारे तरल पदार्थ, आंख और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल के सेवन का आग्रह किया है। कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्क, बुजुर्ग औऱ छोटे बच्चों में ये ज्यादा घातक है।
