राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में फांसी की सजा पाए सभी 4 दोषियों को बरी कर दिया है। अदालत ने इस मामले में डेथ रेफरेंस सहित दोषियों की की ओर से पेश 28 अपीलों पर फैसला सुनाया है।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दोषियों की अपील को मंजूर करते हुए उनके पक्ष में राहत भरा फैसला सुनाया है। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने इस मामले के दोषी एक नाबालिग का मामला किशोर बोर्ड को भेजा है। बाकी सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया। खंडपीठ ने पुलिस के खिलाफ टिप्पणी करते हुए फैसले में लिखा है कि पुलिस के जांच अधिकारियों की टीम इस मामले की कड़ियां जोड़ने में विफल रही है। खंडपीठ ने जांच में लारवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को लिखा है। डैथ रेफरेंस पर हाईकोर्ट में करीब 48 दिन तक सुनवाई चली थी। सभी पक्षों के मौखिक तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। इस मामले में विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2019 को सैफ, सलमान, सैफूर्रहमान और सरवर आजमी को फांसी की सजा सुनाई थी। अब हाईकोर्ट ने सलमान का मामला किशोर बोर्ड को भेजा है। वहीं सैफ, सैफूर्रहमान और सरवर आजमी को बरी कर दिया है।


अचंभे की बात ये है की जब कोर्ट ने चारो मुस्लिम आतंकवादियों को बरी कर दिया तो जो 17 लोग मरे थे बम धमाकों से, फिर उन्हे किसने मारा, वाह रे अदालत
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