मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर अदालत ने रोक नहीं लगाई है। सिर्फ 13 अप्रैल तक की जमानत दी है। मतलब, सांसद के तौर पर उन्हें अयोग्य ठहराने के मामले में उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली है। राहुल गांधी की पैरवी करने वाली टीम ने उनकी सजा पर रोक लगवाने पर जोर दिया था, लेकिन अदालत ने कहा कि सभी पक्षों को सुने बिना वे अंतरिम रोक नहीं लगा सकते।
राहुल गांधी ने आज सूरत के सेशन कोर्ट में दो अर्जी लगाईं थी। एक मानहानि केस में मिली सजा को रद्द करने के लिए थी, जबकि दूसरी में नियमित जमानत की मांगी गई थी। कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई 13 अप्रैल तक और सजा रद्द करने पर 3 मई को अगली सुनवाई तय की है। अर्जी दायर करने के लिए राहुल गांधी बहन प्रिंयका और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ आज ही सूरत पहुंचे थे।
सूरत कोर्ट में राहुल गांधी की अपील पर 26 मिनट में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने निचले कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। साथ ही सुनवाई खत्म नहीं होने तक जमनात पर राहुल गांधी को रिहा किया। यदि कोर्ट से राहुल गांधी की सजा को समाप्त कर दिया जाता है, तो उनकी सांसदी फिर से बहाल हो जाएगी।
मानहानि केस में अर्जी दायर करने के लिए सूरत जाने से पहले सोमवार को राहुल गांधी से मिलने के लिए सोनिया गांधी सुबह साढ़े 10 बजे पहुंचीं। 1 घंटे बाद राहुल सूरत के लिए निकल गए। राहुल के अलावा प्रियंका गांधी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के सीएम भी सूरत आए गए। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राहुल के आने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कहा कि हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। हम यहां अपनी एकता दिखाने आए हैं। हम देश को बचाने के लिए ‘सत्याग्रह’ कर रहे हैं। देश देख रहा है कि इंदिरा गांधी के पोते और राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के साथ आज कैसा व्यवहार किया जा रहा है।
