राजस्थान सरकार और डॉक्टरों में समझौता हो जाने का बावजूद डॉक्टरों का एक धड़ा आंदोलन जारी रखने की बात कह रहा है। हालांकि राज्य सरकार से वार्ता कर लौटे निजी डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने काम पर लौटने का ऐलान कर दिया है। प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर ने कहा सरकार को यदि जनता की भलाई करनी है, आरटीएच बिल लाना है, तो अपने संसाधनों से लाएं। ये कानून सरकारी अस्पतालों पर लगाए। सरकार ने इस बात पर सहमति दे दी है। पूरा प्राइवेट सेक्टर जो सरकार पर किसी भी तरह से निर्भर नहीं है, वो राइट टू हेल्थ बिल से बाहर कर दिया गया है।
डॉ. कपूर ने ऐलान किया बुधवार सुबह 8बजे से सारे निजी अस्पताल और निजी डॉक्टर रूटीन काम पर लौटेंगे। उन्होंने डॉक्टर्स की महारैली को विजय जुलूस बताते हुए कहा कि 100 परसेंट डॉक्टर्स सहमत हैं।
उधर न्यूरो सर्जन डॉ राजवेंद्र चौधरी ने कहा राज्य सरकार और निजी डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के बीच जो सहमति बनी है, वो सभी लोगों के गले नहीं उतर रही है। असल में डॉक्टरों के प्रतिनिधियों को किसी दबाव में ला करके हड़ताल खत्म करने की सरकार कोशिश कर रही है। ये समझ से परे है। उन्होंने कहा कि पहले प्रतिनिधियों से बैठकर चर्चा की जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। जिन आठ बिंदुओं पर सहमति बनी है, उनमें 2-3 बिंदु ऐसे हैं, जिन पर 80 फीसदी डॉक्टर सहमत नहीं है। अब क्योंकि मेजर धड़ा इसके विरोध में है, ऐसे में किसी भी सूरत में इस हड़ताल को खत्म नहीं माना जा सकता। जब तक ऐसा समझौता निकलकर सामने नहीं आएगा, जिससे डॉक्टर सहमत हो तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
