राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान की चेतावनी दरकिनार कर आज जयपुर में अनशन किया। आर-पार के मूड में दिखे पायलट ने सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पर अनशन शुरू किया, जो 5 घंटे बाद खत्म हो गया। समर्थकों ने मिठाई खिलाकर उनका अनशन तुड़वाया। अनशन तोड़ने के बाद पायलट ने मीडिया से कहा, मैंने यह धरना सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के लिए रखा था। अगर बात कांग्रेस पार्टी या संगठन की होती तो मैं संगठन से बात करता। इसे लेकर मैं करीब सालभर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग कर रहा हूं।
पायलट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर अपनी ही वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे। इस प्रकार पायलट ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट को उनके फैसले के लिए कड़ी चेतावनी दी थी। पार्टी के राजस्थान प्रभारी रंधावा ने कल रात दिल्ली में दो टूक कहा था कि इस तरह का कोई भी कार्यक्रम पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा। इसके बावजूद पायलट अनशन के फैसले पर अडिग रहे।. माना जा रहा है कि उन्होंने वसुंधरा राजे के बहाने अशोक गहलोत पर निशाना साधा है।
अनशन के दौरान न कोई भाषण, न नारेबाजी हुई, न किसी विधायक या मंत्री को न्यौता दिया था। विधाय़क जीडी खटाणा, जयपुर की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल तथा ब्राह्मण नेता पं. सुरेश मिश्रा को छोड़कर बड़ी संख्या में सिर्फ कार्यकर्ता ही अनशन में शामिल हुए। पायलट ने अनशन से एक दिन पहले ट्वीट कर राजस्थान के स्वाभिमान का संदेश दिया था। उन्होंने लिखा, मन में खुशी, चेहरे पर मुस्कान, हर दिल में बसता यहां, राजस्थान का स्वाभिमान। राजनीतिक गलियारों में चार लाइन के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

