चेहरे पर भारतीय झंडे का टैटू बनवाने की वजह से स्वर्ण मंदिर में जाने से एक लड़की को रोक दिया गया। इस घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो धार्मिक और आध्यात्मिक शख्सियतों के साथ ही फिल्म एक्टरों ने भी इसपर नाराजगी जताई। इस्कॉन के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
राधारमण दास ने एक ट्वीट में कहा, यह चौंकाने वाला है! महिलाओं को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया, क्योंकि उनके चेहरे पर भारतीय झंडे का टैटू था। इस खालिस्तानी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उनका अहंकार दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं फिल्म एक्टर देवोलीना भट्टाचार्य ने कहा कि एक सेकंड के लिए तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह स्वर्ण मंदिर के अंदर हो रहा है। यह देखकर दुख होता है कि हम किस ओर जा रहे हैं।
इस मामले पर सफाई देते हुए एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने अमृतसर में कहा कि बच्ची के चेहरे पर जो झंडा बना था, वह राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था। वह कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी का झंडा भी हो सकता है। मैं उसे रोकने वाले शख्स के व्यवहार के लिए क्षमा-याचना करता हूं।
