सरकार भले ही थोक और खुदरा मंहगाई दरें घटने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि देश आम जनता महंगाई की मार से लगातार जूझ रही है। आलम ये है कि बीते एक महीने में तूर (अरहर) के दामों में 10 रुपए की बढोत्तरी हो चुकी है। उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में तूर दाल के 15 मार्च को औसत दाम 110 रुपए थे जो 17 अप्रैल को बढ़कर 120 रुपए हो चुके हैं। इसी तरह मुंबई में तूर के दाम 15 मार्च को 141 रुपए प्रतिकिलो थे, जो बढ़कर 146 रुपए हो गए। तूर दाल का अधिकतम दाम इस वक्त 161 रुपए प्रतिकिलो है।
कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश प्रमुख दलहन उत्पादक राज्य हैं। कर्नाटक में सूखा और महाराष्ट्र व मप्र में असमय हुई बारिश से फसल खराब हुई है। खरीफ फसल में दलहन पैदावार के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार तूर दाल 2020-21 में 43 लाख टन का उत्पादन हुआ। वहीं साल 2021-22 में 42 लाख टन था। इस साल 2022-23 में 36 लाख टन का उत्पादन रहने की उम्मीद है।
हालांकि लगातार स्टॉकिस्ट, इंपोटर्स और ट्रेडर्स को स्टॉक डिस्क्लोजर के लिए कहने पर कुछ स्टॉक तो बाहर आया हैं, लेकिन घोषित स्टॉक और आयात का अन्तर अधिक है। इसलिए सरकार लगातार सही स्टॉक जारी करने को कह रही है। उपभोक्ता मामले सचिव की हिदायत है कि आग्रह के बाद भी नहीं माने तो कार्रवाई की जाएगी।
