राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी और सात अन्य के खिलाफ एक युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सोमवार देर रात मृतक राम प्रसाद मीणा (43) के भाई महावीर मीणा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि मंत्री ने उन्हें अपनी जमीन पर घर नहीं बनाने दिया। इस मामले में मंत्री का कहना है कि अभी उनको पूरे मामले की जानकारी नहीं है, बिना जानकारी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
अपनी शिकायत में, महावीर मीणा ने कहा कि उनके भाई राम प्रसाद मीणा ने उन्हें बताया था कि मंदिर के निदेशक और हवामहल विधायक और कैबिनेट मंत्री महेश जोशी उन पर जमीन खाली करने का दबाव बना कर उत्पीड़न कर रहे थे। ये लोग मेरे परिवार पर जातिसूचक गालियां देते थे और हमें मंदिर के पास नहीं रहने के लिए कहते थे। हमने 2017 में नगर निगम से इस जमीन का पट्टा लिया था।
उधर मीणा परिवार ने लाश रखकर धरने प्रदर्शन शुरु कर दिया है। मृतक रामप्रसाद की लाश को उनके ही घर में एक कमरे में लॉक कर दिया गया है। परिवार के लोगों का कहना है कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, सरकार मुआवजा नहीं देगी, सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी… तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा। फिर चाहे कुछ भी हो।
परिवार के लोगों के रिश्तेदार अन्य शहरों से जयपुर पहुंच लगे हैं। भीम आर्मी के नेता भी यहां आ गए हैं। ऐसे में बवाल और बढना तय है। इस पूरे मामले में फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह का बयान नहीं दिया है। हालांकि डीसीपी-उत्तर राशि डोगरा का कहना है कि कानून के हिसाब से कार्रवाई की जा रही है।
