उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद द्वारा कब्जा की गई जमीनें पीड़ितों को लौटाई जा सकती हैं। इस पर योगी सरकार मंथन कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार एक आयोग का गठन करेगी, जिसकी रिपोर्ट पर कब्जा की गई जमीनें लौटाने का निर्णय लिया जाएगा। माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ ने प्रयागराज सहित कई शहरों में दबंगई से जमीनें कब्जा कर ली थीं या औने पौने दाम में लोगों से ले ली थीं।
माफिया द्वारा कब्जा की गई जमीनों को चिह्नित कर लोगों को वापस लौटाने के बारे में बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर योगी सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है। अतीक अहमद की हत्या के बाद ऐसे तमाम पीड़ितों की संख्या अचानक बढ़ी है, जो पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं। इसको देखते हुए अधिकारी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
13 अप्रैल को एक एनकाउंटर में यूपी एसटीएफ ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को मार गिराया था। उसी दिन यूपी प्रशासन ने एक आंकड़ा जारी किया गया था, जो दिखाता है अतीक अहमद ने डरा-धमकाकर कितनी संपत्ति जमा कर ली थी। पिछले 2 साल से 10वीं फेल अतीक अहमद की अवैध संपत्तियों पर योगी सरकार का बुलडोजर चल रहा है। अभी भी खंगालने का सिलसिला जारी है। कई शहरों में अतीक अहमद की काली कमाई का पता चला है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 13 अप्रैल तक अतीक अहमद से करीब 1169 करोड़ की अवैध संपत्तियां मुक्त कराई जा चुकी थी, जबकि कई शहरों में अब भी दबिश जारी है। ऐसे में आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं। इस बीच अतीक के सताए लोग भी धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।
अतीक अहमद ने इलाहाबाद के पॉश सिविल लाइंस इलाके में वीरा डी गांधी की प्रॉपर्टी कर कब्जा कर लिया था। वीरा गांधी सोनिया की खास रिश्तेदार हैं और पैलेस टॉकीज की मालकिन हैं। प्रयागराज में प्रभावशाली लोगों में वीरा गांधी का परिवार भी शामिल है। जब वीरा गांधी को अतीक द्वारा अपनी जमीन पर कब्जा किए जाने के बारे में पता चला तो उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगाई, लेकिन कथित रूप से उनकी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। तब उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से इसमें हस्तक्षेप की मांग की। उस समय सोनिया गांधी केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की अध्यक्ष थीं। फिर केंद्र सरकार के दखल पर अतीक को कथित तौर पर जमीन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
