गो फर्स्ट ने 3 और 4 मई को अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। इसके लिए उसने फ्लाइट बुकिंग लेना भी बंद कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइन ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को अपने फैसले के बारे में बता दिया है। मुंबई स्थित कम लागत वाली इस एयरलाइन ने फ्लाइट बुकिंग बंद करने का फैसला आर्थिक तंगी के चलते लिया गया है। बार-बार आ रही दिक्कतों के कारण कंपनी के आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।
गो फर्स्ट ने मंगलवार को कहा कि उसने घरेलू एयरलाइन में वित्तीय संकट के कारण 3 और 4 मई के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। भारतीय उड्डयन नियामक के अनुसार उड़ानों में कमी और उनके रद्द होने के कारण मार्च में गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी जनवरी में 8.4 प्रतिशत से गिरकर 6.9 प्रतिशत हो गई।
एक समाचार एजेंसी ने कहा कि एयरलाइन के पास तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को उनका बकाया चुकाने के लिए धन की कमी है। बजट एयरलाइन कैश-एंड-कैरी मॉडल पर काम करती है, जिसका अर्थ है कि उसे प्रत्येक उड़ान के लिए प्रतिदिन ओएमसी को भुगतान करना पड़ता है और यदि भुगतान नहीं किया जाता है तो वे व्यवसाय बंद कर सकते हैं। अब गो फर्स्ट धन जुटाने की कोशिश कर रहा है और वाडिया समूह के मालिक बहुलांश हिस्सेदारी बेचने या कंपनी से पूरी तरह बाहर निकलने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
