राजस्थान के दौसा जिले में हुई एक शादी चर्चा में है। शादी करने वाला दूल्हा 55 साल का है, जबकि दुल्हन की उम्र उससे आधी 25 साल है। फिर भी, गांव वाले अधेड़ दूल्हे की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
दौसा जिले के लालसोट के नवरंग पुरा गांव के रहने वाले बल्लू राम उर्फ बलराम की शादी नापा का बास की रहने वाली विनीता से 3 मई को बड़ी ही धूमधाम के साथ हुई। शादी के पीछे की वजह हैरान करने वाली है। दुल्हन दिव्यांग है और वह चलने में पूरी तरह असमर्थ है, वहीं बल्लू राम पूर्ण रुप से स्वस्थ हैं।
बताया गया कि बीते 31 साल से बल्लू गांव में मौजूग मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना में जुटा हुआ है और भोले बाबा की भक्ति के कारण उसके मन में कभी शादी का विचार नहीं आया। बल्लू के सात बहन भाई हैं। उसने उम्र के अंतिम पड़ाव में शादी करने का निर्णय लिया तो परिवार-रिश्तेदारों ने लड़की ढूंढना शुरू कर दिया। एक दिन बल्लू को जानकरी लगी कि नापा का बास की रहने वाली विनीता दिव्यांग है और उसकी शादी नहीं हो रही है। बल्लू राम ने विनीता से शादी करने का निर्णय लिया।
विनीता के परिवार का कहना है कि विनीता जब 12 साल की थी, तब आंगन में लगे पेड़ से नीचे गिरने से उसकी रीड़ की हड्डी टूट गई थी। सालों तक उसका इलाज कराया, लेकिन विनीता के कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। बेटी के दिव्यांग होने के कारण उसकी शादी नहीं हो पा रही थी। परिवार के अनुसार बीच में उसके लिए रिश्ता आया था, लेकिन वह लड़का भी दिव्यांग था। ऐसे में विनीता का ख्याल कौन रखता, इसकी समस्या सामने खड़ी हो रही थी। जब बल्लू राम का रिश्ता आया तो परिजन राजी हो गए।
दोनों परिवारों ने बल्लू और विनीता का रिश्ता तय किया और तीन मई को दोनों की पूरे रीति-रिवाजों के साथ शादी कराई गई। फेरों के वक्त विनीता को उसके भाई ने गोद में उठाया था। इसी तरह बल्लू और विनीता ने अग्नि के साथ फेरे लिए। इसके बाद शादी की बाकी की रस्मों को निभाया गया।
इस शादी से दोनों परिवारों के साथ-साथ पूरे गांव के लोग काफी खुश हैं। गांव के लोग बल्लू राम की तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि बल्लू राम के इस फैसले से दिव्यांग लड़की की जिंदगी संवर गई। वहीं, बल्लू राम का कहना है कि भगवान की सेवा 31 सालों से कर रहा हूं। कभी शादी का नहीं सोचा था। मगर जब विनीता के बारे में जानकारी मिली तो उससे शादी कर ली। यह भी एक तरह की सेवा है। विनीता को सहारा मिलेगा।
