बांसवाड़ा जिले के सरेड़ी बड़ी की रोहनिया खेड़ा पंचायत के माखिया फला गांव की 21 वर्षीय युवती तैरना नहीं जानती थी, फिर भी डूबते चचेरे भाई को बचाने के लिए नदी में कूद पड़ी। दस वर्षीय चचेरे भाई को सुरक्षित नदी किनारे पहुंचाने के प्रयासों में युवती के फेफड़ों में पानी भर गया। उसे जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। जहां उसे 24 घंटे चिकित्सकों की विशेष निगरानी में रखा गया है। युवती के भाई दिलीप ने बताया कि मंगलवार दोपहर गांव में नदी किनारे उसकी चचेरी बहन पार्वती डामोर उर्फ सपना बर्तन धो रही थी। नदी में आसपास के बच्चे नहा रहे थे। दिलीप भी वहीं खड़ा था। अचानक पैर फिसलने से वह नदी की गहराई में जाने लगा। बहन ने उसे डूबते देखकर नदी में छलांग लगाई एवं बाहर निकाला। बहन को तैरना नहीं आने से दिलीप को किनारे पहुंचाने के बाद वो डूबने लगी। जिस पर आसपास के ग्रामीणों की नजर पड़ी एवं उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्राथमिक उपचार के बाद भाई-बहन दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है।
