रेलवे ने पांच साल तक के बच्चों के लिए अलग से बेबी बर्थ बनाने पर विचार करना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में बेबी बर्थ का सेकंड ट्रायल शुरू किया जाएगा। इसकी सफलता के बाद सभी ट्रेनों में बेबी बर्थ को लेकर बदलाव किया जाएगा। बच्चों की इस स्पेशल बर्थ का किराया रेलवे बोर्ड तय करेगा।
कुछ समय पहले ट्रेन में ट्रायल के तौर पर बेबी बर्थ की सुविधा की शुरू की गई थी। मई 2022 में लखनऊ मेल से इसका ट्रायल हुआ था। उस ट्रायल कुछ कमियां सामने आईं। इसके बाद से बेबी बर्थ की कमियों को दूर करने के लिए फिर से काम किया गया। अब नए बदलाव के साथ फिर से दूसरे ट्रायल के लिए बेबी बर्थ तैयार हो चुकी है।
बेबी बर्थ का कॉन्सेप्ट तैयार करने वाले नितिन देवरे ने बताया कि रेल सफर के दौरान मां और बच्चे के लिए बर्थ पर कम जगह होने से परेशानी होती है। इस परेशानी को ध्यान में रखकर बेबी बर्थ तैयार की गई है। बच्चों के हिसाब से तैयार किया गया नया डिजाइन पहले के मुकाबले ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित होगा।
पहले बेबी बर्थ सामान्य सीटों की तरह खुली होती थी, जिससे बच्चे को चोट लगने या सामान के गिरने का खतरा रहता था। अब बेबी बर्थ ऊपर से ढकी होगी। ताकि मां स्तनपान भी करा सकेंगी और किसी तरह का कोई खतरा भी नहीं रहेगा। इसके अलावा छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए बर्थ के पर्दे पर कार्टून भी छपे होंगे। नई बेबी-बर्थ को हर कोच में हर सीट के साथ लगाने की जरुरत नहीं होगी। जो यात्री टिकट बुक करते समय बेबी-बर्थ को बुक कराएंगे, रेलवे उसे अलॉट करेगा। सीट पर बेबी-बर्थ को लगाने के लिए यात्री टीटीई या रेलवे स्टाफ से संपर्क कर सकेंगे। बेबी बर्थ हुक की मदद से सामान्य बर्थ से अटैच की जा सकेगी।
