राजस्थान के सीकर जिले में विश्व विख्यात खाटूश्याम मंदिर है। यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना माना जाता है।
खाटूश्याम मंदिर में राजस्थान सरकार जल्द एक कॉरिडोर का निर्माण करेगी। इस कॉरिडोर के जरिए श्रद्धालु तोरण द्वार से पहले बने पार्किंग एरिया से सीधे लखदातार ग्राउंड पहुंच सकेंगे। वीआईपी और साधारण श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग सड़कें बनाई जाएंगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग की जयपुर में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
करीब 3.5 किलाेमीटर लम्बाई में बनाए जाने वाले इस कॉरिडोर के लिए 57.60 मीटर चौड़ाई में जमीन का इस्तेमाल होगा। इस कॉरिडोर में ग्रीन बेल्ट भी होगा। ग्रीन बेल्ट की चौड़ाई 27.6 मीटर होगी। इसमें हरे छायादार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। ताकि गर्मियों व अन्य समय यहां से गुजरने वाले पदयात्रियों को पेड़ों की छांव मिल सके। साथ ही, यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा। इसके अलावा 7-7 मीटर चौड़ाई की दो सड़कें बनाई जाएंगी। इसमें से एक में वीवीआईपी का मूवमेंट रहेगा, जबकि दूसरी पर आम पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही रहेगी।
ये कॉरिडोर रींगस-खाटू रोड (स्टेट हाइवे 113) पर बने तोरण द्वार से पहले शुरू हो जाएगा। लखदाता ग्राउंड तक इसका निर्माण कराया जाएगा। 32 करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण पर खर्च होगा। पर्यटन विभाग ने बजट में इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी। इसके अलावा होने वाले निर्माण खर्च के लिए मंदिर ट्रस्ट कमेटी पैसा देगा।
फाल्गुन माह में लगने वाले लक्खी मेले पर भक्तों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है। इस कारण यहां आने-जाने में लोगों को परेशानी होती है। सरकार ने बजट में इसे बनाने की घोषणा भी की थी। इसी के अनुरूप काम किया जा रहा है। मंदिर में आम दिनों में भी करीब 20,000 श्रद्धालु दर्शन करते हैं। सप्ताहंत और छुट्टी के दिन भीड़ ज्यादा रहती है। देवउठनी एकादशी के मौके पर खाटूश्याम बाबा का जन्मदिन होता है। तब करीब 10 लाख लोगों ने दर्शन किए थे।
