मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध शहर उज्जैन के पास बकानिया गांव में ग्रामीणों ने गाय की मौत के बाद बैंड-बाजे के साथ उसकी शवयात्रा निकाली। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। महिलाओं ने गाय को साड़ी ओढ़ाई, धूप दी। गांव के लोग अब मृत्यु भोज भी कराएंगे।
सूत्रों के अनुसार गाय का नाम मीरा रखा हुआ था। 15 साल पहले कहीं से भटकती हुई गांव में आ गई थी। तभी से इसी गांव में डेरा जमा लिया और पूरे गांव की लाडली बन गई थी। उसकी मौत हो जाने से ग्रामीणों शवयात्रा बैंड के साथ निकाली और नम आंखों से गाय को अंतिम विदाई दी।
पूरे गांव में यात्रा निकालकर गाय का अंतिम संस्कार सरकारी गोशाला की जमीन पर किया गया। अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले महिलाओं ने गाय को साड़ी ओढ़ाई, हार फूल माला पहनाई, धूप दी गई, अब 17 मई को मृत्यु भोज में ग्रामीणों को आमंत्रण देंगे।
