उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग विवाद पर वाराणसी कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं को कोर्ट ने एक साथ क्लब करने के आदेश दिए हैं। अब ये सभी 7 मामले एकसाथ, एक ही कोर्ट में सुने जाएंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट से अपील की गई थी कि ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े 7 मामले एक ही प्रकृति के हैं। ऐसे में उनकी एक साथ सुनवाई हो। जिला जज ने अलग-अलग मुकदमों से संबंधित फाइलें तलब कीं थी। मामले में सभी पक्षों के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं।
इससे पहले सोमवार को भी ज्ञानवापी विवाद पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान विवादित स्थल की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने के आवेदन पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति जताई और अपनी बात रखी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने सुनवाई की अगली तिथि सात जुलाई तय की है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर रोक लगा दी है। पिछले साल इस मस्जिद का वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण हुआ था। इस पर “शिवलिंग” के कार्बन डेटिंग सहित “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कार्बन डेटिंग के निर्देश वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया।
