ईंट-भट्टे पर काम करने वाले मजदूर के नाम पर 50 करोड़ रुपए के लेनदेन का फर्जीवाड़ा सामने आया है। पीड़ित को इसकी भनक तब लगी, जब आयकर विभाग ने उसे नोटिस भेजा। पीड़ित का आरोप है कि उसके नाम से फर्जी पैनकार्ड बनाकर बैंक में खाता खोला गया। कंपनी बनाकर करोड़ों का लेनदेन किया गया, जबकि वह ईंट भट्टे पर मजदूरी कर जैसे-तैसे गुजर बसर कर रहा है। इतनी बड़ी राशि तो उसने सपने में भी नहीं देखी।
अजमेर के बिजयनगर निवासी पुखराज प्रजापत ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह एक गरीब मजदूर और अनपढ़ व्यक्ति है। उसका पैनकार्ड करीब 10-12 वर्ष पूर्व से बना हुआ है। हाल ही में गत 16 फरवरी को आयकर विभाग ब्यावर से उसे एक नोटिस मिला। नोटिस में बताया गया कि 2013-14 के दौरान वह कार्तिक ट्रेडिंग कंपनी का मालिक था। रेणुका एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड के साथ लेन-देन किया।
नोटिस के अनुसार पुखराज ने रेणुका एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 48 करोड़ 51 लाख 89 हजार रुपए ट्रांसफर किए। रेणुका माता मल्टी स्टेट अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड से भी उसे 1 करोड़ 37 रुपए मिले। इन्हीं ट्रांजेक्शन को लेकर आयकर विभाग ने जवाब मांगा है। पुखराज ने बताया कि वह हर महीने बमुश्किल 15 हजार रुपए कमाता है। दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। ऐसी स्थिति में इतनी बड़ी रकम का लेन-देन वह सोच भी नहीं सकता है।
पुखराज का कहना है कि कोई स्थानीय व्यक्ति या परिचित एक फर्जी पैनकार्ड बनवाकर उसके नाम से बैंक खाता खोल कर व्यवसाय कर रहा है। आयकर विभाग की ओर से जो पैनकार्ड बताया गया है, वह उसका नहीं हैं। आरोपियों ने आपस में मिलीभगत कर धोखे से उसके नाम से बैंक में फर्जी खाता, फर्जी फर्म और फर्जी पैनकार्ड बनवाकर लेन-देन किया है।
पुखराज की शिकायत पर रेणुका एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड, रेणुका माता मल्टी स्टेट अर्बन कोआपरेटिव क्रेडिट सोसायटी, कार्तिक ट्रेडिंग कंपनी,चेलाराम तुलसानी, आईटीओ, डब्ल्यूडी-1 टैक्स डिपार्टमेंट, ब्यावर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बिजयनगर थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। फिलहाल आरोपियों का कुछ पता नहीं है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
