
दैनिक मामलों में गिरावट के बाद सरकार की ओर से भले ही कोविड-19 पाबंदियों को हटा दिया है, लेकिन अब फिर से इसका खतरा बढ़ने लगा है। कुछ राज्यों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना के नए एक्सई वैरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है। बच्चों में इसका असर परेशानी बढ़ा रहा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसारदेश 29 जिलों में कोरोना बेकाबू है। इन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से ज्यादा है।
पिछले 28 दिनों के अंदर देश में 5,474 लोगों की मौत हुई है। इस बीच 40 हजार 866 लोग संक्रमित पाए गए। कोरोना कासबसे ज्यादा केरल में देखने को मिल रहा है। यहां के 14 जिलों में हालत सबसे ज्यादा खराब है। इन सभी जिलों में 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट पाया गया है। मतलब,100 लोगों की जांच में10 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसी तरह मिजोरम के सात जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा और तीन जिलों में 5 से 10 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है।दिल्ली से सटे हरियाणा की साइबर सिटी गुरुग्राम में भी हालात ठीक नहीं है। यहां पर पॉजिटिविटी रेट 5.81 फीसदीहै, जबकि मणिपुर और ओडिशा के एक-एक जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से ज्यादा है।
अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग में तो जितने लोगों की जांच हो रही है, वो सभी संक्रमित पाए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में 12.5 फीसदीकी रफ्तार से नए केस मिल रहे हैं।दिल्ली में भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां कोरोना कीसाप्ताहिकदर26 फीसदी बढ़ी है। दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों में 13 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
खतरे के अंदेशे से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे संक्रमण की स्थिति पर नजर रखें। नए वेरिएंट की वजह से जो मामले सामने आ रहे हैं, उनकी निगरानी प्रक्रिया को और चुस्त-दुरुस्त करें।हालांकि उन्होंने कहा, कोरोना-ओमिक्रॉन के एक्सई वेरिएंटके कारण किसी तरह से चिंतित होने की जरूरत अभी नहीं मानी है, लेकिन सावधानी बरतने के लिए जरूर चेताया है। मंडाविया ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि देश में 12 साल से कम के बच्चों को कब से टीका लगेगा, यह विशेषज्ञ तय करेंगे। रही बात कोरोना टीके की तो इसकी कीमतें अभी और नीचे आ सकती हैं, क्योंकि जल्दी ही अधिक संख्या में कंपनियां अपने-अपने टीकों की प्रतिस्पर्धी कीमतों के साथ बाजार में उतरेंगी।